बिलासपुर— धीरे धीरे फ्रीहोल्ड जमीन के खिलाफ लोगों का विरोध शुरू हो गया है। अब छत्तीसगढिया क्रांति सेना छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों के अस्मिती के सवाल को लेकर फ्रीहोल्ड जमीन स्कीम का विरोध किया है। सरकार पर आरोप लगाया है कि बेकब्जाधारियों को हटाने के बजाय इनाम दिया जा रहा है।
जिला प्रशासन के सामने छत्तीसगढ़िया सेना ने ढेढ़ छत्तीसगढ़ी में फ्रीहोल्ड जमीन स्कीम का विरोध किया। छत्तीसगढ़ी अस्मिता और स्वाभिमान का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ी में ही लिखित शिकायत दिया। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने बताया कि ताज्जुब है कि सरकार हमेशा अतिक्रमण हटाती है। लेकिन यहां अतिक्रमण करने वालों को इनाम दिया जा रहा है।
क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने कहा कि नए स्कीम के अनुसार बिना आमराह अतिक्रमणकारियों को साढ़े सात हजार वर्गफिट का तोहफा दिया जा रहा है। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र में 10 एकड़ जमीन फ्रीहोल्ड स्कीम के तहत उद्योगपतियों को सौगात दी जा रही है। हम इस आदेश और स्कीम का पुरजोर विरोध करते हैं।
याद दिलाते हुए क्रांति सेना के लोगों ने कहा कि उद्योगपति लोग लीज में मिली जमीन का दरूपयोग करते हैं। ज्यादातर लीज पर दी गयी जमीन किसानों की होती है। ऐसी जमीन का मालिकाना हक दिया जाना ठीक नहीं है।
क्रांति सेना के अनुसार छत्तीसगढ़ के अनेक जिले पांचवी अनुसूची में आते हैं। ग्राम सभा की सहमति के बिना फ्रीहोल्ड की जमीन को मालिकाना हक दिया जाना गैर संवैधानिक है। रत्नगर्भा धरती को कौड़ियों के मोल बंदरबांट ठीक नहीं। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। यदि शासन ने आदेश वापस नहीं लिया तो हम आंदोलन करेंगे।