अब प्रक्रिया को लेकर शिक्षाकर्मियों में नाराजगी…अमित ने कहा..शासन संविलियन प्रोसेस करे सरल..तेजी हो काम

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–शिक्षाकर्मियों में अब संविलियन प्रक्रिया को लेकर नाराजगी दिखाई देने लगी है। शिक्षाकर्मियों ने बताया कि यद्यपि सीएम के घोषणा के बाद संविलियन की दिशा से काम किया जा रहा है लेकिन राज्य शासन जटिल नियमों के चलते संविलियन काम निर्धारित समय पर पूरा होना संभव नजर नहीं आता है। जिसके कारण शिक्षक संवर्ग में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

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                  शिक्षाकर्मियों अब संविलियन प्रक्रिया को सरल करने की मांग कर रहे हैं। शिक्षाकर्मी नेता अमित नामदेव ने बताा कि समय बहुत कम है। संविलियन की प्रक्रिया बहुत ही जटिल है। इसके कारण संविलियन का काम बहुत धीमें हो रहा है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो संविलियन प्रकिया को पूरा होने में कम से कम 6 महीने से कम लगेगा। शासन ने 6 सालों का गोपनीय प्रतिवेदन और अचल संपत्ति का व्योरा मांगा है। जाहिर सी बात है कि शिक्षाकर्मियों को शर्तों को पूरा करने में दर-दर भटकना पड़ेगा।

                  नवीन शिक्षा कर्मी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया  कि शिक्षाकर्मियों के पिछले 6 सालों के गोपनीय प्रतिवेदन मांगा गया है। इसके बाद ही शिक्षाकर्मियों की सेवाएं शिक्षा विभाग को दी जाएगी। तब कहीं जाकर पुरानी सेवा पुस्तिका निरंतर होगी।

                                        अमित ने कहा कि पिछले सालों तक शिक्षाकर्मियों के गोपनीय प्रतिवेदन और सेवा सत्यापन के आधार मानकर समयमान वेतनमान, पुनरीक्षित वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धियां स्वीकृत की गयी है। सारी जानकारी सेवा पुस्तिकाओं में भी दर्ज है। ऐसे में गोपनीय चरित्रावली मांगे जाने का कोई औचित्य नहीं है। ऐसी सूरत में संविलियन के लिए केवल पिछले साल की गोपनीय चरित्रावली ही पर्याप्त है।

         अमित ने बताया कि प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के शिक्षा और ट्राइबल विभाग में संविलियन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। प्रदेश के सभी शिक्षा कर्मियों की मांग है कि शासन संविलियन प्रक्रिया को सरल करे।

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