बिलासपुर— अब राजस्व अधिकारियों ने वन विभाग और एसडीओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले जिले के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने कलेक्टर से मिलकर बताया कि दरअसल मूल बातों को एसडीओ चौरसिया ना केवल छिपा रहे हैं। बल्कि अपने संगठन को धोखे में रखकर प्रशासनिक अधिकारियों की छवि को धूमिल भी कर रहे है। संघ के पदाधिकारियों ने लिखित में बताया यदि सकरी प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई होती है तो माना जाएगा कि चौरसिया के अहम की संतुष्टि को शांत किया जा रहा है।
बताते चलें कि 12 जनवरी को सकरी कार्यपालक दण्डाधिकारी अभिषेक राठौर के आदेश पर क्षेत्र में मोटरयान अधिनियम के तहत रूटीन चेकिंग अभियान चलाया गया। इसी दौरान कानन पेण्डारी के एसडीओ विवेक चौरसिया भी सपेटे में आ गए। जांच पडताल के बाद चौरसिया को थाने लाकर बैठाया गया। इसके कुछ घंटों बाद उन्हेे छोड़ भी दिया गया। बाद में चौरसिया ने मीडिया को बताया कि उनके साथ अभद्रता की गयी है।मीडिया में आने के बाद मामला तूल पकड़ता गया। जांच पड़ताल के एक टीम भी बैठा दी गयी। इसके बाद छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने वन विभाग और अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
बुधवार को संघ के बैनर तले कनिष्ठ प्रशासनिक संघ के पदाधिकारियों ने कलेक्टर डॉ.अलंग से लिखित में शिकायत की। साथ ही वस्तु स्थिति से भी अवगत कराया। इस बात से भी अवगत कराया जिसे सार्वजनिक करने पर महिला और वन विभाग की भद्द पिट सकती है।
कनिष्ठ प्रशासनिक संघ के अधिकारियों ने बताया कि 12 जनवरी को मोटरयान अधिनियम के तहत सकरी के कानन पेण्डारी के आस पास रूटीन चेकिंग अभियान चलाया गया। चूंकि इस समय पंचायत चुनाव हो रहे है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कोटा एसडीएम ने विशेष अभियान चलाकर स्थिति पर नजर रखने को कहा। चेकिंग के दौरान कानन पेण्डारी के एसडीओ की गाड़ी भी जांच पड़ताल हुई। इस दौरान एसडीओं ने अभिषेक राठौर और कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया। मामला तूल पकड़ता उन्हें बुलाकर समझाया गया। साथ ही उनके सम्मान में किसी प्रकार की बदतमीजी भी नहीं हुई। बावजूद इसके उन्होने अपनी गलतियों को छिपाते हुए मीडिया में बढ़ चढ़कर बयान दिया। साथ ही अपने संगठन को भी अंधेरे में रखा।
कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि सकरी दण्डाधिकारी अभिषेक राठौर अपने अधिकारी के आदेश का पालन किय है। लिखित आदेश भी है। लेकिन एसडीओ अपने आप को कानून से ऊपर समझते हुए अनाप शनाप आरोप लगा रहे है। जबकि सच्चाई को दबा भी रहे है।
तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने जिला कलेक्टर को बताया कि चुनाव चल रहा है। इस समय सभी प्रशासनिक अधिकारी काम काज में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हैं। बावजूद इसके बेवजूह बातों में घसीटा जा रहा है। चुनाव के दौरान गाड़ी चेकिंग सामान्य प्रक्रिया है। क्या इस प्रक्रिया पालन नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन वन विभाग अधिकारी ना चाहते हुए भी प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान पंचायत चुनाव और अन्य कार्यों से हटाते हुए अपनी अहम की संतुष्टि कर रहे हैं। अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं।
अधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि विवेक चौरसिया वास्तविक घटना को तोड़ मरोड़कर पेश कर रहे हैं। हम सभी अधिकारी कर्मचारी इस प्रकार की मानसिकता और कार्रवाई का विरोध करते हैं। बेहतर होगा कि चौरसिया के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जाए।