बिलासपुर—मिनीरत्न सार्वजनिक उपक्रम एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में कम्पनी की तरफ से हीमो डायलिसिस की महत्वपूर्ण सुविधा का विस्तार किया जा रहा है। एसईसीएल के सोहागपुर, हसदेव और गेवरा क्षेत्रों में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। कम्पनी ने फैसला किया है कि विश्रामपुर में हीमो डायलिसिस जल्द शुरू हो जाएगा। हीं कोरबा क्षेत्र में हीमो डायलिसिस सुविधा के लिए आदेश जारी किया जा चुका है।
जानकारी के अनुसार हीमाडायलिसिस की सुविधा का मरीजों को फायदा मिलेगा। किडनी के समुचित ढंग से काम न करने की वजह से सीरम,क्रिटिनिन, यूरिया एवं पोटेशियम आदि का स्तर बढ़ जाता है। लोगों को डायलिसिस के लिए जगह जगह चक्कर लगाना पड़ता है। ऐसे मरीजों को स्थानीय स्तर हीमो डायलिसिस की सुविधा स्थानीय एसईसीएल चिकित्सालय में उपलब्ध होने से फायदा होगा।
कम्पनी सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कोरबा जिले के गेवरा नेहरू शताब्दी चिकित्सालय में चार डायलिसिस मशीनें काम कर रही हैं। जहाॅं नियमित आधार पर डायलिसिस की प्रक्रिया पूरी की जाती है। बताते चलें कि कम्पनी में उपलब्ध डायलिसिस की सुविधाएॅं बेसिक डायलिसिस की है। उन प्रकरणों में जहाॅं की डायलिसिस के मरीज हेपेटाईटिस ए, बी, सी आदि संक्रमित बिमारियों से पीड़ित हैं । ऐसे मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं और सेवाओं की आवश्यकता पड़ती है। उन्हें सुपर स्पेशलिटी ट्रीटमेंट के लिए रायपुर और बिलासपुर शहर के बड़े अस्पतालों में ईलाज के लिए रैफर किया जाता है। हाल ही में एसईसीएल में चिरायु मेडिकल रेफरल सिस्टम के जरिए समस्त क्षेत्रों में आॅनलाईन मेडिकल रेफरल सिस्टम की शुरूआत की गयी है। अब मरीजों को क्षेत्रीय स्तर पर ही आॅनलाईन रेफरल लेटर उपलब्ध करा दिया जाता है। मरीज अथवा उनके परिजनों को मुख्यालय बिलासपुर नहीं आना पड़ता है।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम के तहत देश के प्रत्येक जिला हास्पिटल में हिमो डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। आॅंकड़ों के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष इन्ड स्टेज रीनल डीजीज़ (ईएसआरडी) के 2.2 लाख नए मरीज सामने आते हैं । देश भर में हिमो डायलिसिस सुविधा के विस्तार की आवश्यकता बताई जाती है।
एसईसीएल संचालन समिति और अन्य श्रमसंघों के लगातार मांग और सहयोग से प्रबंधन की व्यवस्था पर कर्मियों और परिजनों ने खुशी जाहिर की है।