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♦खाता पोर्टिबिलिटी की सुविधा देने पर विचार कर रही आरबीआई
नईदिल्ली(सीजीवाल)।नोटबंदी के बाद सरकार और रिजर्व बैंक बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। रिजर्व बैंक अब बैंक कस्टमर को मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी की तर्ज पर बैंक अकाउंट पोर्टिबिलिटी की सुविधा भी देने पर विचार कर रही है। दरअसल बैंकों से लेन देन करने में ग्राहक अक्सर बैंकों के रवैये की शिकायत करते हैं। अब सरकार ग्राहकों को ये सुविधा देने जा रही है कि अगर वे किसी एक बैंक की सर्विस से नाखुश हों तो अपना खाता दूसरे बैंक में ट्रांसफर करवा सकते हैं। इस दौरान ग्राहकों का सारा रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा और उनके अकाउंट की सेहत पर कोई विपरित असर नहीं पड़ेगा। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मुंद्रा ने कहा कि बैंक ग्राहकों को ऐसी सुविधा देने पर विचार करें, जिसमें ग्राहकों बिना खाता नंबर बदलने उनका अकाउंट दूसरे बैंक में ट्रांसफर हो जाए। उन्होंने कहा कि आधार नंबर और नयी तकनीक की उपलब्धता के बाद बैंकों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स को इस पर विचार करना चाहिए।
बता दें कि टेलीकॉम सेक्टर ये सुविधा अपने ग्राहकों को पहले ही दे चुकी है। रिजर्व बैंक के मुताबिक आधार नंबर और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की मदद से ग्राहकों को ये सुविधा दी जानी संभव हैं। बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंडर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा कि इंडियन बैंक एसोसिएशन को इस दिशा में काम करना चाहिए।
आरबीआई के मुताबिक अगर ये फैसला लागू हो पाता है तो ग्राहक बिना किसी परेशानी के दूसरे बैंक के सदस्य बन जाएंगे। रिजर्व बैंक के इस कदम का फायदा उन ग्राहकों को भी होगा जो पहले अपने घर से दूर किसी बैंक में खाता खुलवा चुके हैं, लेकिन अब उनके घर के बगल में ही बैंक खाता खुल चुका है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक अकाउंट पोर्टिबिलिटी UIDAI द्वारा डेवलप आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम (APBS) और (NPCI) की वजह से संभव हो सकेगा। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एस एस मुद्रा ने पहले भी इस तरह की सिस्टम की वकालत की थी। अगर भारत में बैंक अकाउंट पोर्टिबिलिटी लागू हो जाती है तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश होगा।