अमर ने कहा..गफ्फार से पुराना नाता.. हमेशा सहयोग के लिए तत्पर..मेयर ने बोला..याद रखे जाने वाला व्यक्तित्व

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— शेख गफ्फार के निधन पर विपक्षी नेताओं ने दुख जाहिर किया है। पूर्व निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने गफ्फार के निधन को बिलासपुर के लिए काफी दुखद बताया। मेयर किशोर राय ने शेख गफ्फार के निधन पर दुख जाहिर करते हुए स्मृतियों को साझा किया। 

बहुत पुराना परिचय..हमेशा होती थी विकास कार्य को लेकर बातचीत

           भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने शेख गफ्फार के निधन पर गहरा शोक जाहिर किया। बातचीत के दौरान पूर्व निकाय मंत्री ने कहा कि शेख गफ्फार से उनका परिचय बहुत पुराना है। साल 81-82 में रेलवे स्टेशन में बैठकी होती थी। इस दौरान उनसे अच्छा बातचीत हुआ करता था। ना केवल राजनैतिक बल्कि व्यक्तिगत तौर पर शेख गफ्फार समाज सेवक थे। उन्होने हमेशा गरीबो, पीड़ितों, जरूरत मंदों का साथ दिया।

                अमर ने बताया कि विकास की प्रक्रिया को लेकर उनका हमेशा समर्थन मिला। सच कहूं तो तारबाहर क्षेत्र में विकास कार्य के बाद भी शेख गफ्फार हमेशा आगे रहे। उन्होेने शहर के विकास के लिए हमेशा सम्पर्क किया। अमर ने कहा राजनैतिक रूप से भी वह बहुत सुलझे इंसान थे। अलग अलग दल के होने के बाद भी उन्होने क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा मंत्री रहते हुए मुझसे सम्पर्क किया। ऐसा शख्स राजनीति में बहुत ही कम देखने को मिलता है कि विकास की बात पर राजनीति को परे रखकर सहयोग करे। ऐसा बड़े व्यक्तित्व के इंसान थे शेख गफ्फार। उनका हमेशा सहयोग मिला। जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

स्कूल जीवन से जानता था गफ्फार को

                             बिलासपुर निगम मेयर किशोर राय ने कहा कि गफ्फार जैसे व्यक्तित्व का जाना समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। गफ्फार बहुत ही सरल,संवेदनशील और मूल्यों की राजनीति करने वाले व्यक्ति थे। उन्हें गरीबों के बीच सुख दुख के साथी के रूप में जाना जाता है। जीवन में इस तरह का व्यक्तित्व बहुत ही कम देखने को मिलता है। उन्होने अपने सार्वजनिक जीवन में रहते हुए सेवा का मिसाल स्थापित किया है। जिस भी पद पर रहे…उन्होने हमेशा न्याय किया। वह जुझारू व्यक्तित्व थे। इसका फायदा सर्वहारा वर्ग को मिला है।

                      किशोर राय ने बताया कि शेख गफ्फार का नाम स्कूल जीवन से सुनता रहा। स्कूल में छात्र से लेकर अध्यापको के मुंह से शेख गफ्फार का नाम हमेशा सुनता रहा। उस समय कहा जाता था कि कोई भी काम क्यों ना हो शेख गफ्फार उसे पूरा करवा देते हैं। सुनकर आश्चर्य लगता था। राजनीतिक जीवन में आने के बाद उनसे बातचीत होती थी। एक बार उनसे पूछ भी लिया कि आखिर कठिन से कठिन काम आप कैसे करवा लेते हैं। शेख गफ्फार ने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं है। यदि काम सही हो तो आप अधिकारियों से लगातार मिलते रहे। वह एक बार दो बार तीन बार नहीं करेगा। अन्त में उसे करना ही होगा। गरीबों की सेवा करने में ऐसा करना पड़ता है। अधिकारी भी इस बात को समझते हैं। और काम कर देते हैं।

                किशोर राय ने बताया कि मेयर बनने के बाद रेलवे में पानी निकासी को लेकर बहुत बड़ी समस्या सामने आयी। तात्कालीन कमिश्नर रानू साहू के साथ रेलवे प्रबंधन से मुलाकात कर समस्या को दूर करने का प्रयास किया गया। कुछ अड़चनों को देखते हुए मैने शेख गफ्फार से समस्या को लेकर बातचीत की। उन्होने सहर्ष समस्या सुलझाने ना केवल तैयार हुए। बल्कि रेलवे प्रबंधन से हम लोग मिलकर बातचीत किए। समस्या को दूर किया गया। दरअसल शेख गफ्फार सेवा के प्रतिमूर्ति थे। उनका जाना बहुत बड़ी सामाजिक क्षति है।

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