अमर ने कहा…गांधी सर्वमान्य नेता…बताएं…किसने की गोडसे की प्रशंसा…अप्रत्यक्ष चुनाव का मतलब डर गयी सरकार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- पार्षद प्रत्याशी का चयन करना संभागीय टीम का काम है। मैने आज कार्यकर्ताओं के साथ सामान्य बैठक की है। कांग्रेस सरकार डर गयी है। इसलिए अप्रत्यक्ष चुनाव करवा रही है। हमने सरकार के फैसले और रिपोर्ट का विरोध किया है। राज्यपाल से मुलाकात कर अप्रत्यक्ष चुनाव नहीं कराने की मांग की है।  एक तरफ राहुल गांधी ने ट्विट किया है कि महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष पुरानी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। लेकिन तीनों राज्य सरकार ने उलट फैसला किया है। दरअसल प्रदेश में लोकसभा हार के बाद कांग्रेस सरकार डर गयी है। डर के कारण प्रदेश सरकार ने मेयर चुनाव अप्रत्यक्ष कराने का फैसला किया है। दरअसल सरकार जीत के लिए सरकार होने का फायदा उठाना चाहती है।

             
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                      अमर अग्रवाल ने आज वार्ड कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत की है। अमर ने बताया कि हमेशा दीपावली के आसपास कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करता रहा हूं। इस बार निकाय चुनाव भी सिर पर है। इसी क्रम में आज कार्यकर्ताओं के साथ सामान्य बैठक की है। प्रत्याशी चयन के सवाल पर अमर ने कहा कि यह संभागीय निकाय टीम का है। टीम ही प्रत्याशियों की चयन करेगी।

                       सरकार अप्रत्यक्ष चुनाव वह भी बैलेट से क्यों करवाना चाहती है। अमर ने कहा कि वजह साफ है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस सरकार और संगठन डर गयी है। हार से बचने ही मेयर का चुनाव अप्रत्यक्ष कराने का सरकार ने फैसला लिया है। अमर ने कहा हमने सरकार के फैसले का विरोध किया है। राज्यपाल से मिलकर अध्यादेश को नहीं पारित किये जाने की मांग की है। पूर्व निकाय मंत्री ने बताय कि अप्रत्यक्ष चुनाव कराने के निर्णय के खिलाफ फिलहाल अभी कोर्ट जाने का सवाल नहीं है। जरूरत महसूस हुई तो उचित कदम भी उठाएंगे।

               अमर ने बताया कि प्रदेश सरकार का अप्रत्यक्ष चुनाव कराने का फैसला अलोकतांत्रिक है। जब चुनाव आयोग तेजी से आगे की तरफ बढ़ रहा है उस समय बैलेट से चुनाव कराना समझ से परे हैं। दरअसल सरकार संभावित हार से डर गयी है।

                                         एक सवाल के जवाब में अमर ने कहा कि अप्रत्यक्ष चुनाव घोषणा के बाद भाजपा में मेयर प्रत्याशी चयन को लेकर किसी प्रकार का घमासान नहीं है। हां कांग्रेस की मै नहीं जानता…लेकिन भाजपा में सर्वसम्मति से ही प्रत्याशियों का फैसला होगा।

                आखिर दोनों दल गांधी के पीछे क्यों पड़े हैं। पहले कांग्रेस अब भाजपाई भी यात्रा में निकल पड़े हैं। सवाल के जवाब में अमर ने कहा कि देश की आजादी तक कांग्रेस राजनैतिक पार्टी नहीं थी। संगठन से जुड़कर देशवासियों ने गांधी जी की अगुवाई में आजादी की लड़ाई लड़ी है। आजादी के बाद गांधी जी ने पार्टी भंग करने को कहा। लेकिन कांग्रेसियों ने ऐसा नहीं किया। अमर ने बताया कि गांधी किसी दल या समाज के नहीं हैं। उन पर सबका अधिकार है। पिछले सत्तर सालों में कांग्रेस ने गांधी जी के एक भी सपने को साकार नहीं किया है। उल्टा नाम का इस्तेमाल ही किया है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने देशव्यापी स्वच्छता अभियान चलाया। अभियान आज भी जारी है।

                                 क्या गांधी का राजनीतिकरण हो रहा है। अमर ने कहा यह तो अच्छी बात है कि लोग गांधी के सपनों को साकार करने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस को खुश होना चाहिए। उन्होने पिछले सत्तर सालों में कुछ तो किया नहीं । अब लोग गांधी के सपनों को पूरा करने का संकल्प ले रहे हैं तो इसमें क्या बुराई है। कांग्रेसियों को पता होना  चाहिए कि गाधी कांग्रेस नेता नहीं थे। बल्कि देश के सर्वकालिक और सर्वमान्य नेता हैं।

                  भाजपा को गोडसे मुर्दाबाद कहना चाहिए… सवाल के जवाब में अमर ने कहा कि महात्मा गांधी देश के सर्वमान्य नेता है। लेकिन कांग्रेस उन पर केवल अपना अधिकार समझती है..लेकिन ऐसा संभव नहीं है। कांग्रेसियों को बताना होगा कि आखिर गोडसे की प्रशंसा कौन कर रहा है। बेकार के सवाल और बेकार की बहस देश के लिए उचित नहीं है। क्योंकि गांधी देश के सर्वमान्य नेता है।

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