अमर ने कहा..2 लाख करोड़ पर्याप्त.. मनरेगा में किया संशोधन..फिर दिया 40 हजार करोड़..राज्य सरकार पर साधा निशाना..बताया लाकडाउन सफल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कोरोना ने आर्थिक संकट को बढ़ाया है। अर्थशास्त्रियों का भी यही अनुमान था।  भारत सरकार ने आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने 20 लाख करोड़ रूपए का अतिरिक्त राहत पैकेज दिया है। पैकेज में वर्तमान के साथ भविष्य को ध्यान में रखा गया है। यह बात अमर अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। अमर ने पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया।

             
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              छत्तीसगढ़ के पूर्व वित्त और उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने आज पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय सरकार के राहत पैकेज पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ का पैकेज का एलान कर वर्तमान काल में राहत देने के साथ ही भविष्य को बेहतर बनाने का संकल्प लिया है। पैकेज से देश को आत्मनिर्भता में मदद मिलेगी।

                अमर ने बताया कि मुद्रा शिशुलोन, जनधन,मनरेगा, समेत कई प्रकार की राहत की बात वित्त मंत्री ने राहत पैकेज के माध्यम से एलान किया है। अमर ने यह भी बताया कि कोरोना से देश को बहुत नुकसान हुआ है। लेकिन हमें इन विपरीत परिस्थियों को अवसर में बदलना है। विश्व के ताजे हालात को देखते हुए मल्टीनेशनल कंपनियां अब चीन से रिश्ता तोड़कर भारत में आ रही है। एक दिन पहले आगरा में एक विदेशी कम्पनी ने कम्पनी स्थापित करने की अनुमित मांगी है। 

            अमर ने बताया कि पैकेज बहुत ही अवसर देने वाला है। वर्तमान भारत को मजबूत बनाने के साथ ही भविष्य के भारत को मजबूत बनाने वाला पैकेज है। पैकेज समग्र विकास वाला है।

                         भाजपा आज एफडीआई का समर्थन कर रही है। एक समय था पार्टी विरोध में खीष अमर ने कहा कि हमने कभी भी एफडीआई का विरोध नहीं किया। हां रिटेल में एफडीआई का विरोध जरूर किया। एफडीआई से विदेशी पूंजी देश में आएगी। देश को मजबूती मिलेगी। संसाधन पर हमारा ही कब्जा रहेगा। रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही मुद्रा भंडार में बृद्धि होगी। 

                         20 लाख करोड़ का पैकेज अंको की बाजीगरी से ज्यादा कुछ नहीं है। क्या यह लोन वला राहत पैकेज है। केन्द्र सरकार कहती है कि कुल जीडीपी का 10 प्रतिशत है। सच्चाई तो यह है कि यह डेढ़ लाख करोड़ का ही पैकेज है।

                सवाल के जवाब में अमर ने कहा कि हमारी तात्कालीन जरूरतों के लिए दो लाख करोड़ रूपए पर्याप्त है।  भविष्य के लिए भी हमें तैयार रहना है। राहत पैकेज आंकड़ों की बाजीगारी कहना ठीक नहीं है। आरबीआई ने जो प्रावधान किया है वह भी राहत पैकेज का हिस्सा है। क्योंकि सरकार लोन गारंटी देती है। 

               लेकिन सरकार ने गारंटी नहीं दिया है। फिर 19 लाख करोड़ को राहत पैकेज कैसे कहेेगे। सवाल के जवाब में अमर ने कहा कि मुद्रा लोन भारत सरकार का ही। गारंटर भी भारत सरकार है। 

                 अमर ने कहा कि दो लाख करोड़ फिलहाल वर्तमान व्यवस्था से निपटने के लिए पर्याप्त है। विपक्षी चाहें तो कोई माडल पेश कर सकते हैं। क्योंकि उनके पास बोलने से ज्यादा कुछ नहीं है। पूर्व वित्तमंत्री चिदम्बरम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी अर्थव्यवस्था निराली है।  एक कमरे में गोभी उगाकर करोड़ों रूपए कमा लिया।  यह कला कांग्रेस पार्टी को पता है। जहां पहले खड़ा था। बहररहाल ऐसे अर्थशास्त्र की जानकारी भारतीय जनता पार्टी को नहीं है। भारत का किसान आज भी वहीं खड़ा है।

                 क्या अब भी मानते हैं कि मनरेगा को एतिहासिक स्मारक रहना चाहिए। अमर ने कहा कि हमने मनरेगा में अतिरिक्त प्रावधान किया है। बहुत संशोधन किया है। हमने कृषि के साथ निर्माण को जोड़ा है। इसन तमाम सुधार के बाद 40 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। बहुत कुछ सुधार के बाद ही मनरेगा को ब़ढ़ावा दिया गया है।

               उद्योग पटरी पर कैसे आएगी। जबकि मजदूर अब घर चले गए हैं। क्या वह लौटेंगे। धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा। मनरेगा में काम काज मिलेगा। लोगों में विश्वास लौटेगा.. फिर उद्योग पटरी पर लौटेगा। 

राज्य सरकार पर साधा निशाना

                अमर अग्रवाल ने कहा कि कोरोना को लेकर राज्य सरकार की व्यवस्था ठीक नहीं है। क्वांटीन सेन्टर में क्या हो रहा है। एक बार सबको जरूर देखना चाहिए। मरीजों को  कय़ा खिला पिला रहे हैं..किसी को पता नहीं है। सरपंचों से क्वारंटीन सेन्टर का खर्च वसूला जा रहा है।

   समय पर हुआ लाकडाउन

           लाकडाउन के समय देश में 5 सौ संक्रमित मरीजा थे। जब हटाया तो 1 लाख से अधिक है। क्या मोदी सरकार गलत साबित हुई है। अमर ने कहा यदि लाकडाउन नहीं किया जाता तो आज संक्रमितों की संख्या 10 लाख होती। समय पर निर्णय लेने से कोरोना की वस्तुस्थिति का अंदाजा हुआ और लोग जागरूक। 

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