♦अमृत मिशन मे 9 ननि है शामिल
♦निगमों के काम में पारदर्शिता के लिए बनी वेबसाइट
♦छत्तीसगढ़ को पहले राष्ट्रीय कृषि कर्मण,साक्षरता भारत राष्ट्रीय और अब मिशन अमृत से मिला पुरस्कार
नई दिल्ली।छत्तीसगढ़ सरकार के नगरीय प्रशासन और विकास विभाग को शहरी विकास के लिए नगर निगम क्षेत्रों में संचालित अमृत मिशन में सर्वश्रेष्ठ कार्यों के लिए तेरह करोड़ रूपए का पुरस्कार मिला।नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की उपस्थिति में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के हाथों प्रदेश के नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री अमर अग्रवाल ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।जिससे राज्य के खजाने में आज एक और नया राष्ट्रीय पुरस्कार जुड़ गया।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए छत्तीसगढ़ का चयन किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री नायडू के प्रति आभार व्यक्त किया। सीएम ने इस उपलब्धि के लिए नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री अमर अग्रवाल और उनके विभाग के सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बधाई दी। सीएम ने अमृत मिशन में शामिल 09 नगर निगमों के महापौरों, पार्षदों और आम नागरिकों को भी बधाई और शुभकामनाए दी।
बता दें कि अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत मिशन) में छत्तीसगढ़ के नौ नगर निगमों- रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, जगदलपुर, रायगढ़, कोरबा तथा अम्बिकापुर को शामिल किया गया है, जहां जल प्रदाय योजना, सिवरेज प्रबंधन, हरियाली और बाल उद्यानों के विकास के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा दो हजार 200 करोड़ रूपए की चार वर्षों की कार्ययोजना स्वीकृत की गई है। अमृत मिशन के तहत 28 में से 24 सुधार कार्य इन नगर निगमों द्वारा किए जा चुके हैं।
` अमृत मिशन में छत्तीसगढ़ के एक लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले अमृत मिशन का यह राष्ट्रीय पुरस्कार इन नगर निगमों में लागू किए गए विभिन्न नवीन कार्यों के लिए प्रदान किया जा रहा है। इनमें डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ई-गवर्नेंस के लिए वेबसाइट निर्माण और ई-न्यूज लेटर का प्रकाशन, सम्पूर्ण हिसाब-किताब की एकल एण्ट्री प्रणाली को डबल एण्ट्री एकाउंटिंग सिस्टम में परिवर्तित करने और नगर निगमों के काम-काज में पारदर्शिता के लिए वेबसाइट का निर्माण किया गया है।
भवन अनुज्ञा से संबंधित समस्त अनुज्ञा पत्र एकल खिड़की प्रणाली से जारी करने, समय-सीमा में सम्पत्ति कर की दरों के पुनरीक्षण, लेव्ही तथा यूजर चार्जेंस में सुधार और अलग-अलग लेखा संधारण, सार्वजनिक जल प्रदाय प्रणाली में पेयजल के अपव्यय को रोकने के लिए कार्य योजना भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा 14वें वित्त आयोग की राशियों का अंतरण भी सुनिश्चित किया गया है। राज्य वित्त आयोग की नियुक्ति करके विभिन्न विकास कार्यों के लिए निर्णय लिए जा रहे हैं और 74वें संविधान संशोधन के तहत समस्त 18 कार्य इन नगरीय निकायों को सौंपे गए हैं।
अमृत मिशन मे 28 में से 24 सुधार कार्य इन नगर निगमों द्वारा किए जा चुके हैं। केवल म्युनिंसपल टैक्स और शुल्क की पोस्ट डिमांड, कलेक्शन और बैलेंस को वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाने, न्यूनतम 90 प्रतिशत पेयजल शुक्ल वसूल किए जाने, एनर्जी और वाटर ऑडिट तथा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में वाटर ऑडिट के बाद उसे ऊर्जा कार्य सक्षम बनाने का काम बच गया है।