बिलासपुर—दिव्यांग योगेश साहू की मौत को लेकर छग जनता कांग्रेस जोगी पार्टी ने आज प्रदेश बंद का आह्वान किया। छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स ने प्रदेश बंद अभियान से अपने आपको अलग रखा। जबकि एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ चैम्बर आफ कामर्स ने जोगी की पार्टी को प्रदेश बंद का समर्थन दिया था। आज बिलासपुर में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के आह्वान का बंद पर मिलाजुला असर देखने को मिला। बिलासपुर में बंद का नेतृत्व मरवाही विधायक अमित जोगी ने किया।
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश बंद आह्ववान का बिलासपुर में मिला जुला असर रहा। रायपुर में अजीत जोगी और बिलासपुर में महाबंद का मोर्चा अमित जोगी ने संभाला। बिलासपुर में आज सैकड़ो समर्थको के साथ बिलासपुर बंद का आह्वान करते हुए अमित जोगी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध रैली निकाली।नेहरु चौक से निकली अमित जोगी की रैली को कोन्हेर गार्डन के पास रोक दिया गया। जोगी समेत सैकड़ो समर्थको को गिरफ्तार कर अस्थायी रूप से बहतराई स्टेडियम करागार गिरफ्तार कर भेज दिया गया।
कोन्हेर गार्डन के पास रैली को पुलिस ने बेरिकेटिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया। बावजूद अमित जोगी और उनके समर्थकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारबाजी करते हुए बेरिकेट्स को तोड़ दिया। इसके बाद जोगी और समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लेकर बहतराई स्थित स्टेडियम भेज दिया। जिसे पुलिस ने अस्थायी जेल बनाया था।
पुलिसिया कार्रवाई के बाद जोगी समर्थको ने जमकर नारेबाजी की। पुलिस व्यवस्था पर तानाशाही का आरोप लगाया। अमित जोगी ने इसे सरकार की दमन कारी नीति बताया। मीडिया के सामने जोगी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की शान्तिपूर्ण बंद के आह्वान के बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। जनता सब देख रही है। सरकार को इसका खामियाजा भुगतना ही होगा।
अमित जोगी ने कहा कि 16 साल के इतिहास में पहली बार बंद के आह्वान पर किसी को घर में नज़रबंद किया गया है। प्रदेश में हजारों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। आज की पुलिसिया कार्रवाई से साबित हो गया कि प्रदेश सरकार और मुखिया छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की लोकप्रियता से घबरा गयी है। जोगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ चैम्बर आफ कामर्स को डरा धमकाकर प्रदेश बंद आंदोलन से हटाया गया है।
जोगी की पत्रकार वार्ता
पुलिस हिरासत से छूटने के बाद अमित जोगी मरवाही सदन में पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होने बताया कि सरकार के सामने हमने चार सूत्रीय मांग को रखा है। जब तक आउटसोर्सिंग को बंद नहीं किया जाएगा। तब तक दिव्यांग योगेश जैसी घटना बंद नहीं होने वाली है। जोगी ने पत्रकारों से बताया कि 2003 में बनाए गए उद्योग नीति को हर सूरत में लागू करना होगा। प्रदेश के बेरोजगारों को नौकरियों में प्राथमिकता दिये बिना यहां के युवकों को न्याय मिलने की संभावना नहीं है। जोगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस मौत की राजनीति पर विश्वास नहीं करती है। बल्कि सरकार को जवाब देना होगा कि इस हालत के जिम्मेदार कौन है। सरकार जवाब दे या ना दे लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता सरकार के मंसूबों से वाकिफ हो चुकी है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अमित जोगी ने कहा कि सत्ता परिवर्तन होना निश्चित है। जोगी सरकार बनते ही आउटसोर्सिंग पर लगाम लगाया जाएगा। एक सवाल के जवाब में जोगी ने कहा कि गौरगं की घटना से मैं बहुत ज्यादा वाकिफ नहीं हूं। जहां तक मुझे जानकारी है कि एक युवक की मैग्नेटो माल में मौत हुई है। कार्रवाई के नाम पर आबकारी इन्सपेक्टर को निलंबित किया गया है। जो मेरी नजर में पर्याप्त नहीं है।
गौरांग मामले में जोगी ने बताया कि आबकारी विभाग ठेकेदारों के हाथ में है। कार्रवाई ठेकेदारों और पुलिस पर सबसे पहले होनी चाहिए। बड़े अधिकारियों और पुलिस के अधिकारियों को घटना के तत्काल बाद सजा दिया जाना चाहिए था। यदि माल समय पर बंद हो जाता तो गौरांग हमारे बीच में होता।