अमित जोगी बोले-मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ कर्जमाफी योजना का भी हो विस्तार

Chief Editor
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रायपुर- प्रदेश की नयी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत सभी नए मंत्रियों को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता अमित जोगी ने पार्टी की तरफ से हार्दिक बधाई दी है लेकिन साथ ही साथ किसानों की कर्जमाफ़ी के लिए बनायी गयी “अल्पकालीन कृषि ऋण माफ़ी योजना – 2018” के भी विस्तार किये जाने की नयी सरकार से अपेक्षा की है।अमित जोगी ने कहा कि उक्त योजना की कंडिका 4 में दिए गए वर्णन अनुसार – “योजना में अपवर्जन: इस योजना के अंतर्गत अल्पकालीन कृषि ऋण को छोड़कर शेष किसी भी प्रकार के मध्यमकालीन/दीर्घकालीन ऋण की माफी नही की जाएगी।ऋण माफी का लाभ केवल सहकारिता संस्थाओं से लिए गए अल्पकालीन कृषि ऋण पर होगा। कार्पोरेट/पार्टनरशीप फर्म/ट्रस्ट को दिए गए कृषि ऋण पर ऋण माफी का लाभ प्राप्त नही होगा।(cgwall.com के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे)

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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित माईक्रोफाईनेंससंस्थान (MFOs) द्वारा वितरित किसी भी प्रकार के ऋण इस योजना में शामिल नहीं होंगे । खड़ी फसल के अतिरिक्त अन्य कृषि उत्पादों हेतु प्लेज एवं हाईपोथिकेशन (गिरवी रखी सम्पत्ति) के विरुद्ध दिए गए ऋण इस योजना में शामिल नहीं होगें।”

अमित जोगी ने कहा कि उपरोक्त वर्णित शर्तों से यह स्पष्ट है कि नयी सरकार द्वारा जनघोषणा पत्र में ऋण माफ़ी के अपने किये गए वायदे की सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। यदि सरकार को वास्तव में किसानों की कर्जमाफी करनी है तो  सबसे पहले “अल्पकालीन कृषि ऋण माफ़ी योजना – 2018” को विस्तारित कर “पूर्ण कृषि ऋण माफ़ी योजना – 2018” किया जाए साथ ही कंडिका 4 में जिन संस्थानों को ऋण माफ़ी से पृथक रखा गया है उन सबको भी ऋण माफ़ी के दायरे में सम्मलितकिया जाए क्योंकि सच्चाई यह है कि सहकारी बैंकों से तो केवल 10 प्रतिशत के लगभग किसान ही ऋण लेते हैं।

90 प्रतिशत किसान तो मिक्रोफाइनैंस संस्थान, नेशनलआईज़ेड बैंक, साहुकार आदि से ऋण लेते हैं। इतना बड़ा वर्ग कर्जमाफी के लाभ से वर्जित रह जाएगा। साथ ही कृषि उत्पादों के हेतु लिए गए कर्ज पर भी ऋण माफी मिलनी चाहिए क्योंकि इन उत्पादों को खरीदने का उद्देश्य फसल का उत्पादन बढ़ाना है।

अमित जोगी ने कहा कि इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष श्री अजीत जोगी ने घोषणा पत्र नहीं बल्कि शपथपत्र देकर किसानों से ऋण माफ़ी का वायदा किया था। यदि शपथपत्र में किये गए पूर्ण कर्जमाफी के वायदे से वे अब नयी सरकार की तरह मुकरते और उसमें कई तरह की शर्तें लगाए होते तो झूठा शपथपत्र देने के कारण जनता उन्हें जेल भिजवा सकती थी। अमित जोगी ने कहा कि शायद जनता को अब नयी सरकार के खोखले वायदों और उनके सहारे राजनैतिक रोटी सेकने की मंशा समझ में आ गयी है।

अमित जोगी ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि किसानों के साथ किसी भी तरह का छलावा होता है तो उनकी पार्टी सदन से लेकर सड़क तक किसानों के हित की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेगी।

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