बिलासपुर—कांग्रेस विधायक अमित जोगी ने राज्य सरकार के दो मंत्रियों केदार कश्यप और अजय चंद्राकर पर एक प्रेस कांफ्रेंस में सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में आउटसोर्सिंग विषय को लेकर झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया है। जोगी ने कहा कि अगर सरकार के दोनों मंत्री सच कह रहे हैं तो सरकार तुरंत सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक की रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक करे ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। सरकार आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर जनता को बरगला रही है।
अमित जोगी ने बताया कि 1 सितम्बर को बैकुण्ठपुर में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित उत्तर क्षेत्र सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में आउट सोर्सिंग के खिलाफ अपनी मांग रखते हुए कहा था कि प्रदेश में लाखों शिक्षित बेरोजगारों के होते हुए दूसरे प्रदेश के लोगों की भर्ती किया जाना यहाँ के बेरोजगारों के साथ अन्याय है। बैठक में यह सुझाव भी दिया था कि प्रदेश में हज़ारों इंजीनियर बेरोजगार हैं जो कि हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी विषय को अच्छे से पढ़ा सकते हैं।
लेकिन मुख्यमंत्री ने आउट सोर्सिंग को आवश्यक बताया। अमित जोगी ने प्राधिकरण की बैठक में मांग भी रखी थी कि साल 2003 की औद्योगिक नीति को लागू कर सभी उद्योगों में प्रदेश के ही 90 प्रतिशत बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए। अमित जोगी के सवालों का जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव विवेक ढांढ ने शासन की वकालत करते हुए नियम कानूनों का हवाला देकर आउट सोर्सिंग का पक्ष रखा।
जोगी ने बताया कि बैठक में उपस्थित बृजमोहन अग्रवाल ने आउट सोर्सिंग के मामले को शांत कराने का प्रयास करते हुए कहा कि यह प्राधिकरण कि बैठक है विधान सभा नहीं। इस मामले पर विधानसभा में बहस करेंगे। अमित जोगी ने मांग की है कि प्राधिकरण की बैठक में आउट सोर्सिंग के खिलाफ दिए गए सारे तर्क प्रशासन ने रिकॉर्ड किये हैं। सरकार को इस रिकार्ड को सार्वजनिक करना चाहिए।