बिलासपुर— जिला पंचायत में ठीक वैसा ही हुआ जैसा फिल्मों में होता है। नाराज 18 सदस्य कहीं नहीं दिखाई दिये। अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। दीपक साहू की कुर्सी भी खिसकने से बच गयी। जिला पंचायत के बागी 18 सदस्य दूर दूर तक नहीं दिखाई दिये। मंत्री की नाराजगी ने काम किया। भाजपा के 13 सदस्यों का अविश्वास प्रस्ताव रद्दी की टोकरी में चला गया।
जैसे की संभावना थी…मंत्री के फटकार के बाद जिला पंचायत में वैसा ही हुआ। कार्यालय में कर्मचारियों के अलावा कोई नेता दिखाई नहीं दिये। मंत्री के फटकार के बाद भाजपा समर्थित नाराज 13 सदस्यों ने बगावत का हथियार डाल दिया। सभी सदस्यों की भाजपा कार्यालय में दीपक साहू के साथ बैठक हुई। दीपक साहू ने बताया कि सदस्यों की नाराजगी को दूर हो चुकी है। सभी लोगों ने मिलजुलकर काम करने का निर्णय लिया है। एक सदस्य ने बताया कि टेक्निकल खामियों के चलते अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने बताया कि कुछ सदस्यों की नादानी के चलते दीपक साहू को अभयदान मिला है। दो एक सदस्यों जोश के साथ होश में काम किया होता तो दीपक साहू के खिलाफ प्रस्ताव खारिज नहीं होता। मैने नाराज सदस्यों से बताया था कि कम से कम 23 लोगों कों अपनी तरफ मिलाएं। अंतिम समय तक कम से कम 19 सदस्यों का सहयोग मिल ही जाता। बावजूद इसके लोगों ने रणनीति के अनुसार काम नहीं किया। ज्वाला सूर्यवंशी के चलते सबकुछ मटियामेट हो गया। उसने समय से पहले मुठ्टी को खोल दिया।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि हमारा प्रयास था नाराज सभी सदस्य कोर कमेटी में नेताओं के सामने अपनी बातों को रखते। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लाते। लेकिन ज्वाला सूर्यवंशी ने सारा खेल जोश में आकर बिगाड़ दिया। कमिश्नर के पास पहुंचकर सभी 18 सदस्यों का नाम उजाकर कर दिया। मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की डांट अलग से मिली।
एक सदस्य ने बताया कि अब दीपक साहू को समन्वय के साथ काम करना ही होगा। आज भाजपा कार्यालय में काम काज और लोगों की परेशानियों को दीपक साहू ने सुना है।