आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिखाई ताकत…सीएम को लिखा पत्र…कहा…मानदेय बढ़ाए…परिवार चलाना हुआ मुश्किल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ के बैनर तले हजारों कार्यकर्ताओं ने नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन किया। शासन के नाम कलेक्टर प्रशासन को पत्र लिखकर मानदेय बढा़ने की मांग की । इस दौरान सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने बताया कि शासन से जो भी मानदेय मिलता है वह ना केवल अपर्याप्त है। बल्कि परिवार चलाना भी मुश्किल है। इतना ही नहीं दिए जा रहे मानदेय की तुलना गैर शासकीय और अन्य कार्य भी लिए जाते हैं। जाहिर सी बात है उनका शोषण भी हो रहा है।

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                छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ के बैनर तले हजारों कार्यकर्ताओं ने आज रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। हजारों कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने मानदेय बढ़ाने की मांग करते हुए नई सरकार को शुभकामनाएं भी दी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनकी मांगों को सरकार गंभीरता से लेगी। मानदेय बढ़ाकर शोषण होने से बचाएगी भी।

             अांगनबाड़ी सहायिका और कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र भी दिया। सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं ने बताया कि मानदेय बृद्धि कर हजारों लोगों के परिवार को टूटने और विखरने से बचाया जाए। साथ ही यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को केन्द्र से 4500 और राज्य सरकार से 2000 मिलाकर कुल 6500 रूपए मानदेय दिया जा रहा है। इसी तरह कार्यकर्ताओं को केन्द्र से 2250 और राज्य से 1000 मिलाकर कुल 3250 रूपए मानदेय दिया जा रहा है। निश्चित रूप से यह बहुत कम है। दिन के 9 घंटा काम लिया जाता है। इस दौरान पूरे साल दिए गए कार्यों के अलावा अन्य कार्य भी करना पड़ता है।

                   आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के अनुसार मिलने वाली मानदेय राशि से परिवार चलाना नामुमकिन हो गया है। परिवार की सामन्य जरूरते भी पूरी नहीं होती हैं। इसलिए सरकार मानदेय राशि को बढ़ाकर परिवार को सड़कों पर आने से बचाने की कृपा करें।

       मुख्यमंत्री के नाम दिए गए पत्र में कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों में मानदेय ज्यादा दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश में कार्यकर्ताओं को केन्द्र से 4500 और राज्य से 7000 मिलाकर कुल 11500 मानदेय दिया जा रहा है। इसी तरह सहायिकाओं को केन्द्र से 3000 और राज्य से 3500 मिलाकर कुल 6500 राशि दी जा रही है। यदि इतना ही राशि छत्तीसगढ़ की सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं को दी जाए तो परिवार विखरने से बच जाएगा। सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं ने सरकार को बताया कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो उग्र आंदोलन भी करेंगे।

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