आंगनबाड़ी केन्द्रों के बनेंगे निजी भवन

BHASKAR MISHRA
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IMG-20151007-WA0002बिलासपुर— रेडी टू ईट की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। प्रदेश के बच्चे सरकार की धरोहर हैं। उनके विकास और पोषण में सरकार हमेशा की तरह सजग है। नोनी योजना पर गंभीरता के साथ काम किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों को जल्द से जल्द सरकारी भवनों में लगाया जाएगा। कुपोषण का ग्राफ गिरा है। यह बहुत बड़ी बात है। इससे जाहिर होता है कि सरकार अपना काम बेहतर कर रही है। ये बातें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की संसदीय सचिव रूपमति चौधरी ने सीजी वाल से कही।

             
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                   बिलासपुर अल्प प्रवास पर पहुंची महिला बाल विकास संसदीय सचिव रूपमति चौधरी ने कहा कि रेडी टू ईट सरकार की अच्छी योजना है इस योजना का लाभ बच्चों को मिल रहा है। इस योजना से बच्चों को पोषण तत्व का भरपूर फायदा मिल रहा है। पहले शिकायत थी कि रेडी टू ईट में कारोबार धांधली कर रहे हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं है। यदि कोई अपनी शिकायत लेकर हमारे पास आता है तो कार्रवाई की जाएगी।

               बदहाल आंगनवाड़ी व्यवस्था पर रूपमति ने कहा कि प्रदेश में आंगनबाड़ी की स्थिति अच्छी है। जहां जरूरत पड़ रही है सुधार किया जा रहा है। एक अन्य सवाल पर रूपमति ने कहा कि स्लम क्षेत्र में आंगनबाड़ी बेहतर काम कर रहा है। यदि कोई शिकायत है तो उसे दुरूस्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चे सरकार की जिम्मेदारी हैं। उनका देखरख हमारी जिम्मेदारी है।

                       उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि हमने प्रयास किया है कि निजी भवनों से संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को जल्द से जल्द सरकारी भवन में स्थानान्तरित करें। प्रक्रिया जारी है। भूमि का चयन हो गया है। आदेश मिलने के बाद भवन भी बन जाएगा।

                 शासन की महत्वाकांक्षी नोनी योजना पर संसदीय सचिव ने कहा कि इस योजना का लाभ प्रत्येक परिवार के पहले और दूसरे क्रम की बच्चियों को ही मिलता है। जिसके लिए लड़कियों का 12 वीं तक पढ़ना अनिवार्य है। नोनी योजना के तहत् शासन साल 2014 और उसके बाद जन्मी बच्ची के नाम पर एक लाख रूपए रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार जमा करती है। 18 साल बाद ही मिलता है। इस रकम से बच्ची की पढ़ाई लिखाई और शादी की व्यवस्था होती है।

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