आई टी मे प्रदेश के दो प्रोजेक्ट पुरस्कृत

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itरायपुर। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की दो परियोजनाओं को सम्मान प्राप्त हुआ है। नई दिल्ली के इंडिया हेबिटेट सेंटर में 11 दिसम्बर को आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में ‘लोक सेवा केन्द्र तथा छत्तीसगढ़ डिजिटल सचिवालय परियोजनाओं को ‘स्कॉच स्मार्ट टेक्नालॉजी अवार्ड-2015’ प्रदान किया गया। छत्तीसगढ़ की ओर से इस पुरस्कार को चिप्स के उपाध्यक्ष ए.एम. परियल ने ग्रहण किया।

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                            ‘स्कॉच स्मार्ट टेक्नालॉजी अवार्ड‘ देश में शिक्षा, सामाजिक, नागरिक सेवा, ग्रामीण विकास के लिए नई तकनीकों के प्रयोग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं को दिया जाता है। स्कॉच का यह 42 वां अवार्ड समारोह है। इस वर्ष आंध्रप्रदेश, पंजाब, सिक्किम, असम, तेलंगाना आदि राज्यों की एक हजार परियोजनाएं नामांकित हूई, जिनमें से छत्तीसगढ़ की दो परियोजनाओं लोक सेवा केन्द्र और डिजिटल सचिवालय के साथ-साथ देश की  पचास अन्य सूचना प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को पुरस्कृत किया गया । राज्य की इन परियोजनाओं पर आई.आई.टी. मुंबई के प्रोफेसर डी. बी. पाठक की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया था। इसी समिति ने पुरस्कार के लिए दोनों परियोजनाओं का चयन किया है

                                    इससे पूर्व 3 दिसम्बर  को नई दिल्ली के भारतीय विद्यापीठ भवन   में कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया निहिलेंट के ई-गवर्नेन्स पुरस्कार सम्मेलन के दौरान छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी, चिप्स द्वारा संचालित चॉइस परियोजना को नागरिक सेवाओं की प्रदायगी में सर्वश्रेष्ठ परियोजना मानते हुए निरंतरता के लिए अवार्ड दिया गया। इस पुरस्कार को चिप्स के उपाध्यक्ष श्री ए.एम. परियल ने ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया देश की प्रतिष्ठित संस्था है जिसका निर्माण संपूर्ण भारत के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के नामचीन प्रतिनिधियों को शामिल कर किया गया हैै।

                                चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौरभ कुमार ने इस संबंध में आज यहां बताया कि आम जनता को विभिन्न प्रकार की सरकारी सेवाएं निश्चित समय-सीमा में उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में संचालित लगभग 175 लोकसेवा केन्द्र काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं। इन केन्द्रों की स्थापना के दस माह में आज 13 दिसम्बर की स्थिति में आठ लाख से ज्यादा आवेदक इन केन्द्रों में आवेदन करने की सुविधा का लाभ ले चुके हैं। शासकीय नियम प्रक्रियाओं के तहत इनमें से लगभग छरू लाख 50 हजार आवेदन पत्रों का विधिवत अनुमोदन भी किया जा चुका है। लोकसेवा केन्द्रों को छत्तीसगढ़ में सूचना प्रौद्योगिकी के लगातार बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है। इन सेवाओं के उपयोग के चलते शासन तथा नागरिकों के बीच दूरी कम हुई है, पारदर्शिता बढ़ी है तथा कार्य में होने वाली विलंबता को कम किया जा सका है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस वर्ष 27 फरवरी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में रायपुर जिले में पांच लोकसेवा केन्द्रों का शुभारंभ किया था। इसकी उत्साहजनक सफलता को देखकर जल्द ही राज्य के सभी कलेक्टर कार्यालयों और तहसील कार्यालयों में इनका विस्तार कर लिया गया है। अब ये केन्द्र छत्तीसगढ़ के सुदूरवर्ती सुकमा और बीजापुर जिलों से लेकर सरगुजा और बलरामपुर-रामानुजगंज तक सभी 27 जिलों में सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देशों के अनुरूप मुख्य सचिव सचिव श्री विवेक ढांड और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह इन केन्द्रों के काम काज की नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं।
सौरभ कुमार ने यह भी बताया कि आम जनता की सुविधा के लिए लोक सेवा केन्द्र परियोजना की वेबसाइट ई डिस्ट्रिक्ट डॉट सीजी स्टेट डॉट जीओव्ही डॉट इन  भी शुरू कर दी गई है। कोई भी नागरिक इस वेबसाइट पर कहीं से भी राज्य के लोकसेवा केन्द्रों के काम-काज की प्रगति का अवलोकन कर सकता है। वेबसाइट में आवेदन पत्रों के निराकरण की जिलेवार स्थिति सहित अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं भी प्रदर्शित की जा रही है। ई-जिला परियोजना के हेल्पलाइन 0771-2533350 में लोगों को टेलीफोन पर भी लोकसेवा केन्द्रों से संबंधित हर प्रकार की तकनीकी और सामान्य जानकारी दी जा रही है। सौरभ कुमार ने बताया कि डिजिटल सचिवालय परियोजना के अर्न्तगत मंत्रालय के 48 विभागों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। इसके अर्न्तगत विभागों के ढाई लाख फाईलों के एक करोड़ तीस लाख पन्नों के स्केनिंग कार्य पूरा कर लिया गया है। इस योजना के फलस्वरूप शासकीय कार्य पद्वति में पारदर्शिता बढ़ी है।

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