बिलासपुर— आगजनी के दौरान बिना सामान के साथ नशे में आग बुझाने पहुंचे दमकल कर्मचारियों की शिकायत डिस्ट्रिक्ट कमांडेट तक पहुंची है। मामले में डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट ने चिंता जाहिर कर मामले की तह तक जाने की बात कही है। अशोक वर्मा ने बताया कि नशे में आग बुझाने पहुंचने की घटना की जानकारी उन्हें नहीं है। लेकिन मामले की जांच कर उचित कदम उठाया जाएगा। उन्होने बताया कि एक एएसआई ने घटना की रात को आवेदन किया जरूर है कि उसे मूल विभाग में लौटाया जाए।
दो दिन पहले अग्रसेन चौक के पास एक टायर दुकान में रात्रि करीब साढ़े 9 बजे आग लगी। सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने पहुंची। लेकिन उनके पास आग से सुरक्षित निपटने के उपकरण ही मौजूद नहीं थे। इस दौरान लोगों ने देखा कि कमोबेश सभी दमकल कर्मचारी नशे की हालत मेें थे। हौज पाइप पकड़ने की भी उनमें ताकत नहीं थी।
आगजनी की घटना की जानकारी मिलते ही मेयर रामशरण यादव और सभापति शेख नजरूद्दीन भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान दमकल की भी टीम पहुंची। लेकिन सभी लोग नशे में दिखाई दिये। कोई भी इतना होश में नहीं था कि पाइप पकड़कर पानी का छिड़काव आग पर करें। मजबूर होकर स्थानीय लोगों ने ही मोर्चा संभाला और लड़खड़ाते दमकल कर्मचारियों से पाइप लेकर आग पर पानी का छिड़काव किया।
इस दौरान दमकल कर्मचारियों को नशे में देख स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिला। स्थिति को देखते हुए निगम सभापति शेखनजरूद्दीन ने मोर्चा संभाला। इस दौरान निगम सभापति से एएसआई जयंत सिंह क्षत्री उलझते हुए दिखाई दिए। लेकिन सभापति ने लोगों को उनसे दूर रखा। इस दौरान जयंत क्षत्री सभापति से बहस करते रहे। और कहते रहे कि जो शिकायत करनी है कर दो। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। इतना सुनते ही सभापति के समर्थक झपटे..लेकिन सभापति ने सबको शांत किया। बावजूद इसके नशे में धुल एएसआई बहस करता रहा।फिर भी लोगों के प्रयास से आग पर काबू पाया गया।
डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट ने कहा जानकारी नहीं
मामले में डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड अशोक वर्मा ने बताया कि घटना के दिन बाहर था। दूसरे दिन जानकारी मिली कि अग्रसेन चौक के पास टायर दुकान में आग लगी थी। उसे सफलता के साथ बुझा लिया गया। अशोक वर्मा ने सवाल के जवाब में बताया कि हमारे यहां किसी प्रकार की सामाग्री की कमी नहीं है। आगजनी के समय उपयोग में आने वाले सभी प्रकार के सामान हैं। यदि मौके पर सामान के साथ कर्मचारी क्यों नहीं गए। इस बात का पता लगाया जाएगा। पता यह भी लगाएंगे कि आखिर नशे में उस समय कौन कौन था। खासकर जयंत कुमार क्षत्री के आवेदन पर भी विचार के साथ जांच करेंगे। उन्होने घटना के ही दिन आवेदन दिया है कि उन्हें मूल विभाग में लौटाया जाए। यदि वह नशे में थे तो जांच पड़ताल के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।