आदिवासियों के समर्थन में महारैली का एलान..भूपेश का आरोप…वनवासियों के खिलाफ मरवाही विधायक दे रहे हवा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कांग्रेस नेता वन अधिकारों को लेकर आदिवासियों के समर्थन में मई महीने में पेण्ड्रा में विशाल रैली का एलान किया है। रैली को प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी संबोधित करेंगे। वन अधिकार समर्थक संगठनों और रेल कारीडोर पीड़ित किसान भी विशाल रैली में शामिल होंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रेस नोट जारी कर आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार वनाधिकार कानून को ठीक तरह से लागू नहीं कर रही है। कानून का दुरूपयोग कर आदिवासियों और वन निवासियों का शोषण कर रही है।

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             प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने् प्रदेश सरकार पर वनाधिकार अधिनियम से खिलवाड़ और आदिवासी,  किसानों के साथ शोषण करने का आरोप लगाया है। प्रेस नोट जारी कर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय और अभयनाराय़ण राय ने भूपेश बघेल के हवाले बताया कि यूपीए सरकार के समय 2006 में फारेस्ट राईट एक्ट लाया गया।  वन क्षेत्रों में परम्परागत निवासियों के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक अधिकार कानून बनाया गया। भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वन अधिकारों का निपटारा ना होना अलग बात है। लेकिन परियोजनाओं के लिए बिना मुआवजा आदिवासियों और किसानों को भूमि से बेदखल करना अन्याय है

                            दोनों प्रवक्ताओं ने बताया कि पेण्ड्रा- गेवरा रेल लाईन परियोजना में आने वाली वन भूमि में केवल 1976 को दिये गये पट्टों को मुआवजा के लिए मान्य किया गया है। 2006 के कानून में 13 दिसम्बर 2005 के दावों को मान्य किये जाने का प्रावधान है। 1993 और 2005 कानून के आधार पर दिये गये सभी पट्टे मान्य है।कानूनी स्थिति से वाकिफ होने के बाद भी छत्तीसगढ़ की आदिवासी विरोधी सरकार रेल परियोजना के ठेकेदार के साथ मिलकर मनमानी कर रही हैं। लोगों को बलात तरीके से बेदखल किया जा रहा है। इस खेल में मरवाही विधायक ठेकेदार कंपनी के साथ खड़े होकर अन्याय को हवा दे रहे हैं।

   बघेल ने कहा कि रमन सिंह सरकार की नीयत में खोट है। सरकार नहीं चाहती कि जंगलों में आदिवासी और वनवासी रहे। पेस नोट के अनुसार सितम्बर 2017 तक व्यक्तिगत वनाधिकार के कुल आवेदन का 50 प्रतिशत निरस्त कर दिया गया। सामुदायिक वनाधिकारों के कुल आवेदन का बहुत बड़ा हिस्सा निरस्त कर दिया गया। पीसीसी चीफ ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वनाधिकार आवेदन प्रस्तुत करने वाले वन निवासियों को हतोत्साहित किया जा रहा है। वन निवासियों को अधिकार दिलाने कांग्रेस पार्टी पहले भी नगरीय सिहावा, गरियाबंद और छुरिया में वनाधिकार रैली की है। जगदलपुर से कोंडागांव तक 80 किमी. की पदयात्रा कर चुकी है। अब मई में प्रदेश कांग्रेस बिलासपुर जिले के पेण्ड्रा में वन अधिकार और वनवासियों के शोषण से मुक्ति दिलाने विशाल रैली करेगी।

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