आदिवासी विश्वविद्यालय की रंगीन कहानी..प्राध्यापक पर दैहिक शोषण का आरोप..छात्रा की शिकायत FIR दर्ज

BHASKAR MISHRA
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पेंड्रा/ अमरकंटक— इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का बड़ा कारनामा सामने आया है। कारनामें की छत्तीसगढ़ से लेकर मध्यप्रदेश तक चर्चा है। विश्वविद्यालय की छात्रा ने अपने प्राध्यापक पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। मामले में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक ने आरोप के पीछे साथियों की गहरी साजिश बताया है। बहरहाल मामला पुलिस में दर्ज हो चुका है।

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                      इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के सहायक प्राध्यापक संतोष कुमार सोनकर पर शोध छात्रा ने शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया है कि सोनकर ने जब तब छेड़खानी की है। साथ ही उस पर शराब पीने के लिए कई बार दबाव बनाया है। छात्रा का आरोप है कि प्राध्यापक संतोष कुमार सोनकर ने उसके साथ अश्लील हरकतें भी की है। 

                  छात्रा ने मामले की शिकायत विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर से की है। न्याय नहीं मिलने पर शोध छात्रा ने मुख्यमंत्री, अध्यक्ष राष्ट्रीय जनजाति आयोग नंदकुमार साय और थाना अमरकंटक में भी शिकायत की है। बहरहाल प्राध्यापक के खिलाफ छात्रा की शिकायत पर आईपीसी की धारा 354, 354 क 509 और 506 की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

              संतोष कुमार सोनकर इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में अंग्रेजी और विदेशी भाषा विभाग में सहायक प्राध्यापक हैं। संतोष कुमार सोनकर की निगरानी कई छात्र छात्राएं शोध कर रह हैं। छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया है कि प्राध्यापक सोनकर हमेशा द्वअर्थी संवाद करते हैं। 20 दिसंबर 2017 को फील्ड विजिट से लौटते समय शराब पीकर उन्होने मर्यादाहीन व्यवहार किया। उन्होने धमकाया कि यदि मामले में किसी से चर्चा की तो शोध कैरियर को बरबाद कर देगा। 

                     छात्रा के अनुसार प्रोफेसर किसी ना किसी बहाने शारीरिक संबध के लिए दबाव डालता रहा है। मौका पाते ही फिजिकल रिलेशन बनाने की मांग करता है। लगातार स्कॉलर को 5 बजे के बाद अपने कैबिन में आने के लिए शोध छात्राओं पर दबाव बनाता है। मजबूरी में स्कॉलर को जाना भी पड़ता है। मामले की शिकायत कई बार विभागाध्यक्ष से हुई। लेकिन किसी ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। छात्रा ने बताया कि जब पानी सिर से ऊपर होने लगा तो परिजन से मामले की जानकारी को साझा किया। 14 नवंबर 2019 को वाइस चांसलर से शिकायत की गयी। लेकिन न्याय नहीं मिला। मजबूर में 20 नवंबर को अमरकंटक थाने में शिकायत की।

                  शोध छात्रा के अनुसार विश्वविद्यालय में शिकायत करने के बाद भी न्याय नहीं मिला है। 20 नवम्बर 2019 को अमरकंटक थाने में शिकायत की। तीन दिनों तक एफआईआर दर्ज नहीं किया गया । दबाव के बाद थाना ने एफआईआर दर्ज किया है। .

मामले में सहायक प्राध्यापक संतोष कुमार सोनकर ने बताया कि शोधकर्ता का आरोप बेबुनियाद है। अन्य विरोधी प्राध्यापकों के दबाव में आरोप लगाया जा रहा है। सोनकर ने बताया कि आरोप है कि उसने डिंडौरी जाने के दौरान उनके साथ छेड़खानी की है। जबकि उस समय पत्नी भी साथ थी। क्या यह संभव है कि कोई पत्नी के सामने इस प्रकार की गंदी हरकत करेंगा। यह बात सच है कि मेरी पत्नी विश्वविद्यालय में पढ़ा करती थी। पढ़ाई पूरी होने के बाद उमैने शादी किया है। यह मेरा निजी मामला है।

                  बहरहाल शिकायत के चार दिन बाद यानि 24 नवम्बर को सोनकर के खिलाफ अमरकंटक थाने में सआईपीसी की धारा 35,4 354 क, 506, 509 के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है।

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