गरियाबंद-जहाँ ऍक तरफ़ कल विश्व आदिवासी दिवस की धूम रहेगी बड़े बड़े आयोजन कर आदिवसियों कें जल जंगल जमीन औऱ मूल अधिकारो की रक्षा औऱ संस्कृति कें रक्षा कें नाम पर लोगों को कसमें दिलायी जायेगी पर ढांक कें तीन पात अग्रिम पंक्ति कें बैठे लुटेरे प्रजाति सिर्फ भाषण से आदिवसियों कें हितों की दुहाई देकर ख़ुद को मूल निवासियों कें संरक्षक घोषित कर देंगे । आदिवासी समाज को राजनीतिक वोट बैंक मान कर काम कर रहें राजनीतिक दल औऱ राजनीतिक दल से जुड़े कुछ कथित समाज सेवक बन कर सिर्फ अपनी रोटी तोड़ेंगे बस्तर से लेकर उत्तर पूर्व ,अफ्रीका तक आदिवासी को सिर्फ शासक शोषण हीं कर रहें आदिवसियों कें संसाधन पर कब्जा करना हीं मुख्य मकसद है.सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp Group से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
Whatsapp Group | Join |
उक्त कथन गरियाबन्द की महिला सामाजिक कार्यकर्ता ऋतु सोम ने कही आज आदिवसियों कें शोषण का मुख्य कारण सरकार औऱ समाज कें बीच कें बिचौलिए है जो अपना जेब भरने कें लिये समाज का उपयोग करतें है मकसद सिर्फ निज स्वार्थ हीं है ।
यह भी पढे-पानी-पानी हुआ शहर…जनता में मेयर कमिश्नर और कमिश्नर के खिलाफ आक्रोश…कहा शहर को किया बरबाद
गरियाबंद जिले में दिव्यांग जनों कें लिये कार्य कर रहीं सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा की समाज को समाज कें दलालो से सावधान होना होगा हमारे अग्रिम पंक्ति में जो है क्या वे हमारे हितों का संरक्षण कर रहें या निज स्वार्थ में आदिवासी समाज का उपयोग कर रहें है