आदिवासी सीएम की जरूरत नहीं…साय

BHASKAR MISHRA
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IMG_2362बिलासपुर–विष्णु देव साय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मैं भाजपा का एक मात्र कार्यकर्ता हूं। पार्टी का आदेश सिर आंखों पर। उन्होने एक सवाल के जवाब में बताया कि कोर कमेटी का निर्णय हमारे दायरे से बाहर है। कमेटी ने पार्टी और देशहित में जो भी लिया है लोगों को मानना होगा। नन्दकुमार साय और रमेश बेस को कोर कमेटी के निष्कासन पर मुझे कुछ नहीं बोलना है।

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                 साय ने बताया कि मुझे 26 साल में पार्टी ने बहुत कुछ दिया है। मेरे पास सब कुछ पार्टी का दिया हुआ है। मुझे यदि पार्टी आज कोई आदेश देती है या पार्टी के किसी अन्य स्थानों से हटाती है उसे मुझे मानना ही होगा। हमारे लिए पार्टी सब कुछ है। मै 26 साल से राजनीति कर रहा हूं। बावजूद इसके मैं पार्टी का बहुत छोटा कार्यकर्ता हूं।

       साय ने बताया कि कोर कमेटी मामले में मैं जवाब देने की हैसियत नहीं रखता हूं। उन्होने कहा कि तिरंगा यात्रा देश भक्ति और आजादी के मूल्यों को स्थापित करने के लिए निकाला गया है। इस पर किसी को एतराज नहीं होना चाहिए। आने वाली पीढ़ी स्वतंत्रता के मूल्य को समझे। प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशन में अभियान चलाया गया है। यात्रा को जगह जगह सफलता भी मिल रही है।

                        आदिवासी मुख्यमंत्री के सवाल पर विष्णु देव साय ने कहा कि तीन राज्यों में आदिवासी मुख्यमंत्री हैं। वे अच्छा काम भी कर रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री रमन सिंह किसी भी मुख्यमंत्री से बेहतर काम कर रहे हैं। प्रदेश का चहुंमुखी विकास भी हो रहा है। इसलिए यहां हाल फिलहाल आदिवासी मुख्यमंत्री की जरूरत नहीं है। साय ने कहा कि यदि विकास का काम ठीक चल रहा है तो आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग के कोई मायने नहीं रखता है।

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