आने वाला समय योग और आयुर्वेद का -डाॅ. महतो

Chief Editor
4 Min Read

aurved

Join Our WhatsApp Group Join Now

बिलासपुर ।  छत्तीसगढ़ आयुर्वेद अधिकारी संघ के तृतीय प्रांतीय महाधिवेशन एवं दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार 12 एवं 13 दिसम्बर 2015 का शुभारंभ आज राघवेन्द्र राव सभा भवन बिलासपुर में कोरबा सांसद डाॅ. बंशीलाल महतो ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर  किशोर राय ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्म  डाॅं. महादेव पाण्डे एवं डाॅं. सुरेन्द्र दुबे थे। इस अवसर पर आयुष संचालक डाॅ. जी.एस.बदेशा तथा मध्यप्रदेश के डाॅ अनवर अली एवं प्रांतीय अध्यक्ष डाॅ. परस शर्मा और  राधाकृष्ण गुप्ता उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सांसद डाॅ बंशी लाल महतो ने कहा कि आने वाला समय योग और आयुर्वेद का है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को विश्वभर में मान्यता मिल रही है। यह अपने आप में एक सम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। उन्होने बताया कि विश्व के प्रथम सर्जन आचार्यं सुश्रुत थे। उन्होने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के संवर्धन के लिए प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुुए महापौर  किशोर राय ने कहा कि डाॅ. रमन सिंह ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होने कहा कि हम अपने जीवन शैली के खाने-पीने में अनेक प्रकार के बीमारियों से ग्रस्त हो रहे है। इसलिए चिकित्सकों की माॅंग बढ़ी है। हम अपने जीवन शैली को संयमित रखेगें तो स्वस्थ्य रहेगें। इस अवसर पर पद्म श्री डाॅ. महादेव पाण्डे एवं डाॅ. सुरेन्द्र दुबे ने भी अपने विचार रखें।

कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. परस शर्मा ने स्वागत भाषण एवं अधिवेशन के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि आज राष्ट्रीय सेमीनार में दो महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। जिसमें वैश्विक स्वास्थय की दृष्टि में आयुर्वेद की उपयोगिता पर एवं चर्म रोगों में हौम्योपैथी की उपयोगिता पर चर्चा की जाएगी। इस अवसर पर आयुष संचालक डाॅ. जी. एस. बदेशा ने अपने सम्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर महत्वपूर्णं कार्य हुआ है। इस अवसर पर सेमीनार में प्रोफेसर डाॅ. जी एस तोमर इलाहाबाद एवं डाॅ. विनोद कुमार झाॅसी और डाॅ. ओपी सिंह वाराणासी डाॅ. सीबीसिंह झाॅसी द्वारा शोध पत्र पढ़े गये। कार्यक्रम में स्मारिका ब्राह्मी का विमोचन भी किया गया। जिसका संपादन डाॅ. सुधाकर डाॅ बिबे ने किया है।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भगवान धन्वतंरी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. हेमंत कौशिक ने किया। इस अवसर पर डाॅ. प्रदीप शुक्ला डाॅ.के.के तिवारी, डाॅ एन के चन्द्राकर, डाॅं. संदीप चंदेल, डाॅ. एस पी मिश्रा, डाॅ. विनोद कुमार- झाॅसी, डाॅ. राकेश ठाकुर, डाॅ. कटारिया, डाॅ रक्षपाल गुप्ता, डाॅ आर एस दुबे,डाॅ सी.एस. गौरहा, डाॅ.के के तिवारी, डाॅ रश्मि जीतपूरे, डाॅ बी आर नंदा, अरविन्द दीक्षित, डाॅ. एम एल टेकचंदानी, डाॅ. जेपी पाठक, डाॅ विद्या भूषण पाण्डे, डाॅ. मिरी, डाॅ. कोमल डोटे, डाॅ. आर के गुप्ता, डाॅं विजय साहू, डाॅ. पंतजलि दीवान, डाॅ एफ बी दीवान, डाॅ एस बी सिंह, डाॅ. रश्मि चतुर्वेदी, डाॅ.विपिन शर्मा, डाॅ.एन.एम.गवेल, डाॅ. भागडीकर सहित प्रदेश भर के आयुर्वेद चिकित्सकों ने भाग लिया।

Share This Article
close