बिलासपुर—रेलवे जोन की जनप्रतिनिधियों के साथ आज बैठक कभी नहीं भूलने वाली रही। जनप्रतिनिधियों पर जीएम सत्येन्द्र कुमार पूरे समय भारी पड़ते नजर आये। काफी हद तक जांजगीर चांपा सांसद कमला पाटले ने अपने तेवर दिखाए। लेकिन जीएम ने उन्हें बार बार उंगली दिखाकर शांत रहने को कहा।
लम्बे समय बाद आज जेडआरयूसीसी की बैठक जोन कार्यालय में हुई। बैठक के बाद किसी नेता ने गर्मजोशी नहीं दिखाई। बैठक के बाद बाहर निकले जनप्रतिनिधियों की हालत स्कूल के मास्टर से डांट खाए बच्चों जैसी थी। यद्यपि सभी सांसदों ने बैठक को काफी उत्साहजनक बताया लेकिन सच्चाई तो यह है कि बिलासपुर सांसद को भी अपनी समस्या रखने के लिए जीएम के उंगली का इंतजार करना पड़ा।
सीजीवाल को मिली जानकारी के अनुसार केन्द्रीय मंत्री विष्णु देव ने केवल लिखित में चुपचाप पत्र पकड़ाकर सांसदों के साथ कम जीएम के सुर में सुर ज्यादा मिलाते नज़र आए। बिलासपुर सांसद ने ऊंचे तेवर के साथ रेलवे क्षेत्र में पटाखा दुकान लगाने के लिए दबाव बनाया लेकिन जीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई हादसा होता है तो इसके लिए उन्हें एक लिखित में जिम्मेदारी भरा पत्र देना होगा। इस दौरान सांसद लखन लाल साहू ने कहा कि मैं वकील हूं। नियम कायदे जानता हूं। जीएम ने पटलवार करते हुए कहा कि हम जनप्रतिनिधियों के साथ समस्याओं को लेकर बात कर रहे हैं। किसी वकील या वकालत की यहां बहुत जरूरत नहीं है। लखन लाल साहू ने बिलासपुर से जबलपुर रेल लाइन बिछाने की बात को जीएम का ध्यान आकर्षित किया।
लखनसाहू के सिरगिट्टी चकरभाटा अप्रोच रोड को पूरा किए जाने के दबाव पर जीएम ने कहा कि आप अपनी जानकारी दुरूस्त करें। हम नियम से काम करते हैं। लेट लतीफी का सवाल ही नहीं उठता। आपकी सरकार की उदासीनता के चलते ही सब काम ढीला और धीमा है। इसके पहले लखन साहू कुछ बोलते जीएम ने उन्हें उंगली दिखाकर कहा कि बाद में मौका मिलेगा तब बोलना।
बैठक में कमला पाटले ने फाटक और ओव्हरब्रिज निर्माण की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि स्थानीय सरकार अपना काम समय पर पूरा कर देती है। लेकिन रेलवे प्रशासन थोड़े से काम को सालों तक लटका कर रखता है। जिसके चलते कास्ट तो बढ़ता ही है, आम नागरिकों को भारी परेशानी होती है। इस लापरवाही में कई बार लोगों की जानें भी जा चुकी है। जीएम ने जब इस दौरान पाटले को रोकने का प्रयास किया तो सांसद जांजगीर बरस पड़ीं। बावजूद इसके जीएम ने हर बार कहा कि आप समझ नहीं रही हैं। जिसके बाद पाटले का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
इस दौरान कोरबा सांसद को उंग0ली दिखाते हुए जीएम सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि जब आपका नम्बर आएगा तो अपनी बात रखना। इस बीच सत्येन्द्र ने महतो को डांटते हुए कहा कि मै सिंह साहब नहीं हूं। आप बार बार सिंह साहब का क्या रट लगाए हैं। मेरा नाम सत्येन्द्र कुमार है। मै यहां का जीएम हूं। सत्येन्द्र कुमार के तेवर को देखकर कोरबा सांसद ने चुप रहना ही बेहतर समझा। फिर भी उन्होंने डांट डपट के बीच सासदों के लिए रेल किराया और अन्य सुविधाओं में सौ प्रतिशत रियायत देने की बात कह ही दी।