आपदा में अवसर..कोयला माफियों ने सच कर दिखाया..प्रधानमंत्री के स्लोगन को किया साकार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- प्रधानमंत्री का आपदा में अवसर स्लोगन..कहीं सच साबित हुआ या नहीं..लेकिन बिलासपुर के कोल माफियों ने सौ  प्रतिशत सच कर दिखाया है। जब भी मौका मिला कोयला चोरों ने जमकर हाथ साफ किया। पुलिस और प्रशासन को   हवा भी नहीं लगी।

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                कोरोना काल में प्रधानमंत्री केआपदा में अवसर स्लोगन को बिलासपुर के कोयला माफियों ने सच साबित किया है। जब जिले की जनता कोरोना से जंग लड़ रही थी। पुलिस और जिला प्रशासन कोरोना से दो दो हाथ कर रहा था। ठीक उसी समय बिलासपुर के कोयला माफिया आपदा में अवसर को सच की जमीन पर उतार रहे थे। मतलब जगह जगह कुकुरमुत्तों की तरह पैदा कोयला प्लाट में जमकर कोयला की अफरातफरी को अंजाम दे रहे थे।

              एक कोयला व्यवसायी ने बताया कि यदि हम अपना काम नहीं करते तो परिवार चलाना तो दूर..मजदूरों और कुछ अधिकारियों को नाराज करना भारी पड़ सकता था। हां इस दौरान परेशानियों का सामना भी बहुत करना पड़ा।

             जावनकारी देते चलें कि इस समय कोयला माफियों ने गांव और जंगल को अपना ठिकाना बनाया है। जहां आम लोगों का आना जाना नहीं होता है। पुलिस और जिला प्रशासन को मालूम हो कर भी नहीं मालूम रहता कि प्रतिबंधित क्षेत्र में कोयला चोरी का काम जमकर फल फूल रहा है। खासकर तुर्काडीह बायपास मार्ग पर इस समय सबसे ज्यादा कोयला प्लाट का संचालन किया जा रहा है। यहां कुछ के पास तो लायसेंस है तो कुछ बिना लायसेंस के अपने काम को अंजाम दे रहे है।

                      लेकिन दोनों जगह कोरोना काल में जमकर कोयला कटिंग का खेल चला। बदस्तूर आज भी जारी है। कहने को तो इसकी जानकारी ना तो पुलिस को है और ना ही खनिज विभाग को। सच्चाई तो यह है कि जंगल झाड़ियों में कोयला प्लाट की जानकारी सब को है। 

             हमेशा की तरह इन कोयला प्लाटों में जमकर कोयला चोरी हो रही है। और मिलावट का भी काम  चरम पर है। कहने का मतलब हिर्री थाना क्षेत्र से सकरी से होकर कोनी थाना क्षेत्र तक कोयला चोरी का व्यापार पुलिस के नाम के नीचे ही जमकर फल फूल रहा है। वहीं कोयला चोर भी निश्चिन्त है।

                       खनिज विभाग भी कोयला माफियों के खिलाफ बहुत ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रहा है। जिसके चलते कोयला प्लाट माफियों ने गांव के गांव जमीनों को बंजर बनाने का संकल्प ले लिया है। खासकर हिर्री,खरखेना,अमसेना, बेलमुण्डी, हांफा, लोखण्डी के किसानों की परेशानियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है।

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