बिलासपुर ( प्रकाश निर्मलकर ) । रतनपुर धार्मिक पर्यटन के लिहाज से छत्तीसगढ़ में विशेष स्थान रखता है। जहां प्राचीन कालीन अवषेशों के अलावा कई देवी देवताओं के मंदिर स्थित है। पर्यटन को बढ़ावा देने शासन की ओर से कुछ वर्ष पूर्व यहां कई निर्माण कार्य कराये गये थे । लेकिन उचित देख-रेख और आपसी खींचातान के चलते रतनपुर की कई ऐतिहासिक धरोहर और भग्नावषेश विलुप्ति के कगार पर है। विश्व प्रसिद्ध मां महामाया मंदिर परिसर के पास स्थित कलपेसरा तालाब का ऐतिहासिक और धार्मिक विषेश महत्व है। लेकिन नगर पालिका परिषद की उदासीनता के चलते इस तालाब में गंदगी पसरी हुई है। क्षेत्र का मात्र एक नौका विहार भी नगर पालिका परिषद की लापरवाही के चलते बंद पड़ा है । जिसके कारण यहां आने वाले पर्यटकों को काफी मायूसी होती है । यहां की अव्यवस्था को लेकर महामाया ट्रस्ट और नगर पालिका परिषद एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है।
कलपेसरा तालाब का काफी प्राचीन ऐतिहासिक महत्व है । प्राचीन काल में इसे कपिलेश्वर तालाब के नाम से जाना जाता था। वैसे यह तालाब नगर पालिका परिषद के अधीन है। लेकिन मां महामाया मंदिर परिसर के पास होने के चलते यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। यहां नगर पालिका के द्वारा पन्द्रह वर्ष पूर्व नौका विहार की सुविधा प्रदान की गई थी । लेकिन अब यहां के सभी बोट खराब हो चुके है । तालाब का पानी पूरी तरह दूषित हो चुका है । तालाब के पानी में पालिथीन एवं अन्य प्रकार के कचरा से तालाब पूरी तरह पट चुका है । जिसके चलते इसमें रहने वाले सुक्ष्म जीव जंतु एवं मछली मर रहे है और तो और इस तालाब के चारो ओर लगे ग्लोबल लाईट एवं सोडियम लाइट के खंभे पूरी तरह नष्ट हो चुके है । जो इस तालाब के सौदर्य को शाम होते ही चार चांद लगाते थे । तालाब के बीच में लगा फौव्वारा खराब हो चुका है । जिसका लोग बोटिंग करते हुए आनंद लेते थे। लेकिन आज स्थिति दयनीय होने के चलते यहां आए लोगों को काफी मायूसी होती है।
इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष अपने खोखले दावों से जल्द ही व्यवस्था दुरूस्त करने की बात कहतीं है। लेकिन जब नया ठेका नौका विहार के लिए दिया ही नहीं गया है तो बोटिंग कैसे चालू होगी । बोट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके है । जिसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है ।वहीं नये परिषद के गठन के आठ माह बीत जाने के बाद भी इस ओर आज तक ध्यान नहीं दिया गया है जिससे जल्द ही व्यवस्था दुरूस्त होने की बात बेमानी ही लगती है।
दूर दूर से आने वाले पर्यटक होते है मायूस
यहां आने वाले पर्यटक एवं दर्शनार्थी मां महामाया देवी की दर्शन के बाद मंदिर परिसर से लगे हुए कलपेसरा तालाब में बोटिंग का मजा लेते थे। रात में इस तालाब के चारो ओर लगी लाइट पर्यटकों को काफी लुभाती थी लेकिन अब पर्यटकों को मायूसी ही हाथ लग रही है । इस संबंध में महामाया ट्रस्ट का भी मानना है की तालाब में पसरी गंदगी से दर्शनार्थीयों को काफी परेशानी होती है। महामाया ट्रस्ट की ओर से इस तालाब को दुरूस्त करने के लिए नगर पालिका परिषद से बात की गई है। लेकिन इस दिशा में नगर पालिका की ओर से कोई पहल ही नहीं की जा रही है। ट्रस्ट प्रबंधन का कहना है की यदि नगर पालिका इसकी देख रेख नहीं कर सकती तो हम इसे लीज पर लेकर मेंटेनेस करने को तैयार है।