आबकारी संयुक्त टीम का वाइन फैक्ट्री पर छापा…

BHASKAR MISHRA
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unnamed (1)बिलासपुर—मुंंगेली जिला धूमा स्थित वाइन मर्चेंट प्रायवेट लिमिटेड फैक्ट्री मे सोमवार को चार जिलों की आबकारी की संयुक्त टीम ने सीबीआई अंदाज में छापामार कार्रवाई की है। करीब 12 घंटे से अधिक समय तक चली कार्रवाई में रायपुर संभागीय उडनदस्ता आबकारी के दर्जन भर से अधिक कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए। जानकारी के अनुसार आबकारी सचिव अशोक अग्रवाल मगलवार या फिर सोमवार देर रात बिलासपुर पहुंच सकते है। कयास लगाया जा रहा है कि वाइन फैक्ट्री में गंभीर अनियमितता पायी गयी है। दिन भर चली कार्रवाई को मीडिया से छिपाकर रखा गया। सीजी वाल ने अधिकारियों से संपर्क करने का कई बार प्रयास किया लेकिन संपर्क नहीं हुआ।

             
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                              जानकारी के अनुसार सोमवार को अल सुबह रायपुर संभागीय उडनदस्ता आबकारी ,बिलासपुर संभागीय उडनदस्ता आबकारी ,मुंगेली आबकारी अमला,रायगढ़ आबकारी टीम और राजपत्रित अधिकारियों की संयुक्त टीम ने धूमा स्थित वाइन फैक्ट्री में छापामार की है । कार्रवाई करीब 12 घंटे से अधिक समय तक चली। इस दौरान आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने वाइन फैक्ट्री के दोनो दरवाजों पर ताला ज़ड़ दिया । फैक्ट्री के सभी कर्मचारियों को अंदर या बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया।

                                     छापामार कार्रवाई की अगुवाई रायपुर संभागीय उडनदस्ता उपायुक्त आबकारी राकेश मंडावी ने की। इस दौरान रायगढ़ आबकारी सहायक आयुक्त पीएल साहू विशेषज्ञ के रूप में शामिल हुए। आयुक्त आबकारी बिलासपुर आशीष श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त आबकारी एल.एल.ध्रुव और मुंगेली जिला आबकारी आयुक्त टीम ने भी कार्रवाई में हिस्सा लिया। छापामार कार्रवाई के दौरान अधिकारियों के तेवर बहुत कुछ सीबीआई की तरह नजर आये। कार्रवाई में चार जिलों के आबकारी विभाग के चुनिंदा दारोगा, बाबू और राजपत्रित अधिकारियों की फौज शामिल थी। सूचना तंत्र पर विभाग ने पूरी तरह से अंकुश लगा दिया था। टीम समेत वाइन फैक्ट्री कर्मचारियों के मोबाइल को या तो 12 घंटे के लिए राजसात कर लिया गया…या फिर मोबाइल की रिंग पर पहरा लगा दिया गया था।

                             मालूम हो कि करीब एक महीने पहले ग्रामीणों और समाजसेवियों की शिकायत पर धूमा वाइन फैक्ट्री पर पर्यावरण विभाग बिलासपुर ने ताला जड़ दिया था। पर्यावरण अधिकारी के अनुसार फैक्ट्री संचालक ने समझाइश के बाद भी पर्यावरण नियमों का पालन नहीं किया। बाद में एक अन्य रिपोर्ट पर जिला प्रशासन मुंगेली ने वाइन फैक्ट्री को खामियों को दूर करने की सूरत में खोल दिया। वाइन फैक्ट्री के खुलते ही लोगों ने जमकर विरोध किया। दुबारा जांच में जिला प्रशासन ने पर्यावारण विभाग अधिकारी ठाकुर को झूठी रिपोर्ट पेश करने के आरोप में निलंबित कर दिया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन की काफी किरकिरी हुई थी। कलेक्टर के निर्णय पर भी उंगलियां उठी थीं।

राज्य उडनदस्ता टीम नदारद

                             जानकारी के अनुसार राज्य के किसी भी जिले या स्थान पर राज्य उडनदस्ता आबकारी को छापा मारने का अधिकार है। लेकिन धूमा में राज्य उडनदस्ता की टीम या कर्मचारी कहीं नजर नहीं आए। वाइन फैक्ट्री में जिला आबकारी सहायक आयुक्त मुंगेली को छापामार कार्रवाई का भी हक है।  संभागीय आबकारी उडनदस्ता बिलासपुर टीम संभाग में कहीं भी छापामार कार्रवाई कर सकती है। लेकिन धूमा स्थित वाइन फैक्ट्री में रायपुर संभाग उड़नदस्ता की टीम ने राकेश मंडावी की अगवाई में ना केवल छापामार कार्रवाई की। बल्कि मुंगेली,बिलासपुर और रायपुर की आबकारी टीम को भी शामिल किया। राज्य उडनदस्ता टीम को कार्रवाई से दूर रखा गया।

                                       राजधानी से मिली जानकारी के अनुसार राज्य उड़नदस्ता टीम को धूमा स्थित वाइन फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई से जानबूझकर दूर रखा गया। मालूम हो कि राज्य उडनदस्ता आबकारी टीम के मुखिया इस समय संजय पारीख है। कुछ महीने पहले तक संजय पारीख बिलासपुर संभाग उडना दस्ता के आयुक्त हुआ करते थे। बावजूद इसके उन्हें या उनकी टीम को कार्रवाई में नहीं रखा जाना…ना केवल हैरान करने वाला है..बल्कि कई संदेह को जन्म भी देता है।

कहीं प्रतिस्पर्धा तो नहीं

                         धूमा स्थित वाइ फैक्ट्री पर जब-तब छापामार कार्रवाई होती रही है। कभी पर्यावरण के नाम पर तो कभी अनियमितता की शिकायत को लेकर। हाल फिलहाल मामले में मुंगेली जिला प्रशासन को पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को वाइन फैक्ट्री विवाद में निलंबित करना पड़ा । बावजूद इसके फैक्ट्री संचालक पर इन कार्रवाईयों का कोई असर नहीं हुआ। सूत्रों के अनुसार छापामार कार्रवाई की मुख्य वजह व्यवसायी प्रतिस्पर्धा है। जिसके कारण फैक्ट्री को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है। व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा के चलते…राज्य उडनदस्ता टीम को… छापामार कार्रवाई से शायद दूर रखा गया।

                                                              सीबीआई अंदाज में फैक्ट्री में रेड और राज्य उडनदस्ता टीम को कार्रवाई में शामिल नहीं किया जाना…कई कहानियों को जन्म देता है। प्रश्न उठना लाजिम है कि राज्य उडनदस्ता टीम को आखिर इस मेजर कार्रवाई से दूर क्यों रखा गया। यह जानते हुए भी कि धूमा वाइन फैक्ट्री से रायपुर आबकारी संभाग का कोई लेना देना नहीं है। ऐसे कई प्रश्न एक बार फिर उठने लगे हैं। कुछ उसी तरह …जैसे एक महीने पहले फैक्ट्री को बंद करने और खोलने के बाद मुंगेली जिला प्रशासन पर उठा था।

मीडिया को दूर रखा गया

                            धूमा वाइन फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई में करीब सौ से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को शामिल किया गया।  कार्रवाई की जानकारी मुंगेली या बिलासपुर ही नहीं बल्कि आस पास क्षेत्र को भी नहीं हुई। कार्रवाई में राजपत्रित अधिकारियों की लम्बी चौड़ी फौज ने हिस्सा लिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संभव हो कि कार्रवाई को दबाने का प्रयास किया जाए। चूंकि सूचना तंत्र को कार्रवाई के दौरान पूरी तरह बंद कर दिया गया था। इसलिए इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। अंदर क्या कुछ गड़बड़ी पायी गयी…आबकारी टीम ने क्या कार्रवाई की…इसका केवल अंदाज ही लगाया जा सकता है। क्योंकि कार्रवाई से मीडिया को पूरी तरह से दूर रखा गया था।

आबाकारी सचिव का आगमन

                         बहरहाल मीडिया में कयास लगाया जा रहा है कि आबकारी टीम को धूमा वाइन फैक्ट्री में भारी अनियमितता मिली है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के आबकारी सचिव अशोक अग्रवाल मंगलवार या सोमवार को देर रात बिलासपुर का दौरा करेंगे। धूमा स्थित वाइन फैक्ट्री का भ्रमण कर कार्रवाई का जायजा लेंगे। संभावना जताई जा रही है कि अशोक अग्रवाल कार्रवाई के बारे में मीडिया को हो सकता है कुछ बताएं। लेकिन इसकी संभावना कुछ कम ही नजर आती है।

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