आरोपियों के परिजनों ने पुलिस को घेरा…मीडिया पर लगाया दबाव का आरोप

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160728-WA0055  बिलासपुर–गौरांग की मौत को मीडिया ने कुछ ज्यादा ही बढ़ाचढ़ाकर पेश किया है। गौरांग की मौत का हमें भी दुख है। इस प्रकार की घटना पर रोक लगनी चाहिए। गौरांग और उसके माता पिता को न्याय मिलना ही चाहिए। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि बेकसूरों को सजा मिले। मीडिया ट्रायल से हम लोग परेशान हैं। हम व्यापारी हैं..जो चाहे आकर धमका दे। अनावश्यक रूप से डराया धमकाया जाए। मीडिया ने हमारे साथ न्याय नहीं किया है। कम से कम हमारी बातों को भी तो सबके सामने रखा जाए। कभी रसूखदार तो कभी पूंजीपति कहकर हमें डराया धमकाया जा रहा है। आज तक हमारे खिलाफ एक भी पुलिस रिकार्ड नहीं है। हम लोगों को अपने काम से काम रहने की आदत है। हमारे बच्चे बेकसूर हैं। पुलिस ने भी हमारे साथ अन्याय किया है। जिन बच्चों को जेल भेजा गया है वे बेकसूर हैं। गिरफ्तार करने से पहले कम से कम लोग गौरांग का भी बायोडाटा मीडिया और पुलिस वाले खंगाले होते तो सच्चाई सामने आ जाती है। हमें गौरांग के परिवार के प्रति सहानुभूति है लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि हमारे बेटे ही हत्या के लिए जिम्मेदार है।

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                                  शहर के व्यापारी और अन्य समाज के लोगों  ने बड़ी संख्या में सिविल लाइन थाना,एसपी और आईजी कार्यालय पहुंचकर हिरासत में लिए गए बच्चों को बेकसूर बताया है। न्याय की गुहार लगाने वालों में चारो दोषियों के परिजन भी शामिल थे। व्यापारियों और अन्य सर्व समाज के लोगों ने बताया कि व्यापारियों को परेशान करने की साजिश रची जा रही है। चारों बच्चों को हिरासत में लेने से पहले कम से कम उनके अतीत की तरफ तो झांक लिया जाता। लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। पुलिस कुछ छिपा रही है। मीडिया के दबाव में चारों को गिरफ्तार किया गया है। IMG-20160728-WA0053

राम केडिया ने बताया कि यह कैसा न्याय है जो प्राथमिक चिकित्सा के वजाए वहां से चले गए उन्हें गैर इरादतन हत्या का आरोपी बताया जा रहा है। ऐसा आज तक कभी ने शायद ही सुना और देखा होगा। यह जानते हुए भी चारो युवक शहर के ऐसे परिवार से हैं जिन्होने आज तक कोर्ट कचहरी से अपने आपको दूर रखा। ऐसे परिवार के बच्चों को हिरासत में लेने से पहले उनके रिकार्ड को भी नहीं देखा गया। तीस साल से इन पर या इनके परिवार पर किसी प्रकार का आरोप नहीं है। बावजूद इसके मीडिया के दबाव में पुलिस ने चारो बच्चों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।

राम और अन्य समाज के लोगो ने बताया कि घटना की रात्रि सीसीटीवी फुटेज में ऐसा कुछ नहीं मिला है जिसके आधार पर बच्चों को हिरासत में लेकर पेशेवर मुजरिमों की तरह व्यवहार किया जाए। चारो बच्चों को बिना आधार के दबाव में आकर आरोप मढ़ दिया गया है। जो एक वर्ग विशेष के प्रति अन्याय है।

                    राम केडिया ने बताया कि पैसा कमाना अपराध नहीं है। बार बार पूंजीपति कहकर मीडिया गाली दे रहा है। हमने आज पुलिस कप्तान और आईजी से मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर पीड़ित परिवार की प्रतिष्ठा को बरबाद करना चाहते हैं। राम ने बताया कि अच्छा होता कि यदि पुलिस गौरांग के रिकार्ड को भी एक बार खंगाल लेता। शायद दूध का दूध पानी का पानी हो जाता। इतना ही नहीं हमारे बच्चों का भी रिकार्ड पुलिस अपने सूत्रों से हासिल कर सकती है। लेकिन दोनों ही सूरत में ऐसा नहीं किया गया। दबाव में आकर चारो बच्चों को आरोपी ठहरा दिया। राम ने बताया कि मैग्नेटोIMG-20160728-WA0031 माल के जाने से पहले से ही गौरांग ने एक बार तीन पैग लगा चुका था। इसका हमारे पास पूरा प्रमाण है। तीन पैग लेने के बाद गौरांग को मैग्नेटो जाना ही नहीं चाहिए था। यदि उनके माता पिता ने ध्यान दिया होता तो आज गौरांग हमारे बीच होता।

                               इस मौके पर उपस्थित लोगों ने बताया कि हमने कलेक्टर से भी मामले की लिखित शिकायत की है। आई जी भी मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। राम ने बताया कि मीडिया और सोशल साइड में बताया जा रहा है कि बच्चों को बचाने के लिए करोड़ों रूपए बहाया गया है। यदि किसी ने देखा है तो सामने आकर बताये। यह कैसे संभव है कि हमारे ही बच्चे जेल जाए और हम ही पैसा ही बांटे। यह समझ से बाहर की बात है। राम ने बताया कि हम लोगों ने कलेक्टर और आईजी से मिलकर बताया है कि यदि उनकी आवाज को नहीं सुना गया तो वे लोग उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।

 

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