इतिहास और साहित्य की भी समझ रखें युवा वकीलःअंसारी

Chief Editor
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रायपुर ।  उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने युवा वकीलों का आव्हान किया है कि वे इतिहास और साहित्य की गहरी समझ रखने वाले ऐसे वास्तुशिल्पी बनें, जो कई दशकों तक चलने वाले समूचे भवन की कल्पना कर सकें। श्री अंसारी ने शनिवार को  यहां नया रायपुर स्थित हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए ।

उन्होंने अपने दीक्षांत भाषण में कई विद्वानों के विचारों का विशेष रूप से उल्लेख किया। श्री अंसारी ने छत्तीसगढ़ के इस प्रथम और इकलौते विधि विश्वविद्यालय का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका नाम भारत के एक ऐसे पूर्व मुख्य न्यायाधीश और विधि वेत्ता के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने हमेेशा विधि और न्याय का जीवन जिया और जो न्यायिक मूल्यों के एक सहज प्रतिमान थे। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. एच.एल. दत्तू ने की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और विश्वविद्यालय के कुलपति न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा, प्रदेश के विधि मंत्री  महेश गागड़ा और उच्च शिक्षा मंत्री  प्रेमप्रकाश पाण्डेय विशेष अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित थे। समारोह में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण, प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशिला साहू, मुख्य सचिव  विवेक ढांड और अन्य वरिष्ठ अधिकारी और अनेक प्रबुद्ध नागरिक भी उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि की आसंदी से उप राष्ट्रपति श्री अंसारी ने समारोह में एक प्रतिष्ठित अमेरिकी न्यायाधीश के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि विधि विश्वविद्यालयों का उददेश्य लोगों को केवल होशियार बनाना नहीं, बल्कि उन्हें उनके व्यवसाय में बुद्धिमान बनाना भी है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि बौद्धिक शिक्षा का मुख्य भाग केवल तथ्यों का संग्रहण ही नहीं होता, बल्कि यह सीखना भी होता है कि उन तथ्यों को सजीव कैसे बनाया जाए। उन्होंने लॉर्ड डेनिंग के इन विचारों को भी रेखांकित किया कि इतिहास और साहित्य की पृष्ठभूमि  से अनभिग्य वकील एक ऐसे राजमिस्त्री की तरह है, जिसका काम सिर्फ एक ईंट पर दूसरी ईट रखते जाना है, लेकिन इतिहास और साहित्य की मजबूत समझ रखने वाला वकील एक ऐसा वास्तुशिल्पी होता है, जो कई दशकों तक चलने वाले मजबूत भवन की कल्पना कर सकता है। उप राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत का संविधान विधि के शासन के आधुनिक अवधारणा को एक ऐसी न्यायिक प्रणाली से जोड़ता है, जो सभी प्रभावों से मुक्त होकर निष्पक्षता से काम कर सके। उन्होंने भारतीय संविधान में नागरिकों को प्रदत्त मौलिक अधिकारों का भी विस्तार से उल्लेख किया।
श्री अंसारी ने कहा कि देश की जनता में न्यायपालिका के लिए सम्मान बढ़ा है। दूसरी तरफ उन्होंने जरूरतमंद लोगों तक न्याय की आसान पहुंच की जरूरत पर भी बल दिया। उप राष्ट्रपति के मुख्य आतिथ्य में आयोजित दीक्षांत समारोह में 209 स्नातकों को डिग्रियां प्रदान कर बधाई और शुभकामनाएं दी। इनमें 124 बी.ए.एल.एल.बी. (ऑनर्स) और 85 एम.ए.एल.एल.बी. उपाधिधारक शामिल हैं। समारोह में 56 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। विशेष अतिथि की आसंदी से समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने देश में अपनी अलग पहचान बनायी है और छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है।
डॉ. रमन सिंह ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उपाधि और स्वर्ण पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने विधि विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त कर वकील के रूप में निकले युवाओं का आव्हान किया कि वे नक्सल प्रभावित इलाकों में मानव अधिकारों से वंचित गरीबों को समूचित न्याय दिलाने का प्रयास करें।

 

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