रायपुर।मंगलवार को रायपुर में प्रदेश के विकास और सुशासन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आधारित साधनों के अनुप्रयोग’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।जिसमे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के साथ विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय भी मौजूद थे।कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी के बेहतर इस्तेमाल का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है। समुद्री तूफानों के आने के बारे में इस टेक्नॉलॉजी के जरिए समय पूर्व जानकारी मिल जाती है, इससे राहत और बचाव की तैयारी समय से पहले हो जाती है और जन-धन का नुकसान कम होता है। उन्होंने हाल ही में तमिलनाडु में आए समुद्री तूफान का जिक्र किया।
कार्यशाला में विशेष अतिथि के रूप में आए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. ए.एस.किरण कुमार का उल्लेख किया और कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार अंतरिक्ष प्रौ़द्योगिकी का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है।डॉ ए.एस. किरण कुमार ने जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ की और कहा कि देश में इस प्रौद्य़ोगिकी के विभिन्न औजारों का उपयोग करने वाले सर्वाधिक सक्रिय राज्यों में छत्तीसगढ़ भी एक है।
अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल में छत्तीसगढ़ ने वास्तव में मिसाल कायम की है। राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अंतरिक्ष और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। दूर-संवेदी भू-उपग्रह के जरिए हर गांव का डाटाबेस तैयार किया गया है। इसरोे अध्यक्ष ने राज्य के खनिज साधन विभाग की तारीफ करते हुए कहा कि इस विभाग ने दुर्ग जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में खनन सूचना प्रणाली विकसित की है। इसका लाभ नीति निर्माताओं सहित उद्यमियों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा इस प्रकार की पहल को अब देश के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित किया जा रहा है।