उज्जवला योजना में साल भर में एक ही सिलेंडर उठा रहे हितग्राही,CM भूपेश बघेल ने की मिट्टी तेल कोटा बढ़ाने केन्द्रीय मंत्री को लिखा पत्र

Shri Mi
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर राज्य के केरोसिन मिट्टी तेल आवंटन कोटे को बढ़ाने का अनुरोध किया है। उन्होंने अपने पत्र में ब्योरा दिया है कि उज्जवला योजना की वजह से मिट्टी तेल का कोटा कम कर दिया गया है। जबकि लोग प्रतिमाह उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर भी नहीं खरीद पा रहे हैं । जिससे ईंधन के रूप में केरोसिन की जरूरत बरकरार है।
भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य में उज्ज्वला योजना 2016 में शुरू की गई थी ।

आज तारीख तक प्रदेश में इस योजना के तहत 26 . 79 लाख कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं ।भारत सरकार की नीति के अनुसार जिला योजना अंतर्गत वितरित कनेक्शनों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य के वर्ष 2015 -16 के केरोसिन का आवंटन 1.72 लीटर के स्थान पर 2018 – 19 में 1.15 लाख किलो लीटर कर दिया गया है ।

उन्होंने लिखा है कि उज्जवला योजना के हितग्राहियों द्वारा यदि नियमित रूप से सिलेंडरों को रिफिल कराया जाता उसी स्थिति में केरोसिन का आवंटन कम किया जाना औचित्य पूर्ण होता ।यदि इस योजना के हितग्राहियों द्वारा रिफिल की संख्या का अवलोकन किया जाए तो पता चलता है कि 2018- 19 में कुल रिफिल कराए गए सिलेंडरों की संख्या 2523 664 मात्र है ‌।

इससे स्पष्ट है कि प्रत्येक हितग्राही द्वारा प्रतिवर्ष औसतन एक ही सिलेंडर रिफिल कराया गया है ।सिलेंडरों के रिफिल कम कराए जाने का प्रमुख कारण है कि रिफिल हेतु गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों को सिलेंडरों की पूरी कीमत पर खरीदना पड़ता है।

सब्सिडी की राशि बाद में हितग्राही के खाते में आती है ।गरीब परिवारों के लिए एक मुस्त इतनी राशि देना संभव नहीं होने और दूरस्थ अंचलों में एलपीजी वितरकों की संख्या में अपेक्षित बढ़ोतरी ना होने से कमरी फीलिंग हो रही है ।

भूपेश बघेल ने आगे लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य 1.35 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है। यहां वितरकों की संख्या आनुपातिक रूप से बहुत कम है। दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाले ग्राहकों के लिए कई किलोमीटर की यात्रा कर रिफिल सिलेंडर प्राप्त करना अत्यंत दुष्कर कार्य है एवं घर पहुंच सेवा भी बहुत ज्यादा विश्वसनीय नहीं है ।

इन तथ्यों को देखते हुए गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों के लिए घरेलू एलपीजी कनेक्शन रहते हुए भी केरोसिन का उपयोग खाना पकाने के धन के रूप में किए जाने की आवश्यकता होती है।

राज्य को आवंटित अपर्याप्त कोटे के कारण राज्य शासन 12.90 लाख राशन कार्ड धारकों को केरोसिन का वितरण नहीं कर रहा है ।एलपीजी सिलेंडरों के रिफिल कीमत के युक्ति युक्तिकरण होने तक तथा एलपीजी वितरकों की संख्या में पर्याप्त प्रसार होने तक ईंधन के रूप में केरोसिन की आवश्यकता बनी रहेगी ।

केरोसिन की मात्रा में कटौती से गरीब परिवारों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य को केरोसिन आवंटन कोटे को वर्तमान 1.15 से लाख किलोलीटर से 1. 58 लाख किलोलीटर किया जाए ।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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