उतार चढ़ाव जिन्दगी का अहम् हिस्सा-हरीश केडिया

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20160109_123256बिलासपुर— प्रदेश के मुखिया डॉक्टर रमन सिंह ने त्रिवेणी सभागार में दीप प्रज्जवलित कर मेले का औपचारिक उद्घाटन किया। इस दौरान व्यापार विहार स्थित त्रिवेणी सभागार में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में मंच पर बिलासपुर के प्रभारी मंत्री अजय चन्द्राकर, विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान, प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, सीएसआईडीसी के चेयरमैन छगन मुंदड़ा,गृह निर्माण मंडल के चेयरमैन भूपेन्द्र सवन्नी,महापौर किशोर,तखतपुर विधायक राजू क्षत्री,स्टेट बैंक महाप्रंबधक ब्रहन सिंह समेत कई उद्योगपति उपस्थित थे।

इस दौरान छत्तीसगढ़ लघु,कुटीर उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने राष्ट्रीय उद्योग व्यापार मेला का परिचय दिया। उन्होने बताया कि आज कोई भी ग्वालियर मेला का जिक्र नहीं करता है। बिलासपुर व्यापार मेले का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। केडिया ने बताया कि बिलासपुर राष्ट्रीय व्यापार मेला देश में आयोजित होने वाले किसी भी मेले से अलग स्थान रखता है। उन्होने बताया कि मैने कभी व्यापार मेला के सहयोग के लिए सीएम के सामने आवेदन नहीं किया। जबकि देश के अन्य मेलों को सरकारी सहयोग मिला है। लेकिन हमें सहयोग की जरूरत हीं नहीं हुई। क्योंकि लोगों ने इस मेले को अपने दम पर राष्ट्रीय स्वरूप बना दिया है। केडिया ने बताया कि प्रदेश की तरह बिलासपुर बिलासपुर राष्ट्रीय मेला भी उम्र के 16 वें पायदान पर है। इन 16 सालों में मेले ने बिलासपुर ही नहीं बल्कि देश और प्रदेश की सीमाओं को लांघते हुए लोगों के दिलों में स्थान बनाया है।

harish_kediaमेला अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश ने यशस्वी मुख्यमंत्री की अगुवाई में तेजी से विकास किया है। उम्मीद है कि विकास की गति नहीं रूकेगी। साथ ही उनका समर्थन राष्ट्रीय व्यापार मेला और बिलासुपर को भी मिलता रहेगा। अमर अग्रवाल की अनुपस्थिति पर खेद जाहिर करते हुए हरीश केडिया ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उम्मीद है कि वे जल्द ही स्वास्थ्य ठीक होने के बाद हमारे बीच होंगे। लेकिन उनका बिलासपुर और व्यापार मेला को मिला रहेगा। आज उन्ही की बदौलत और मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से उद्योग जगत ने तेजी से विकास किया है। मुझे याद नहीं है कि अब किसी व्यापारी को सेल्स टैक्स का चक्कर लगाना होता होगा। यह सब दीर्घगामी योजनाओं का परिणाम है।

लघु एवं कुटीर उद्योग संघ के अध्यक्ष ने बताया कि जो काम दिल से होता है उसे सफलता मिलना तय है। राष्ट्रीय रोजगार मेले के साथ भी ऐसा ही हुआ। बिलासपुर साल में एक बार आने वाले लोग अब तीज त्योहार के साथ मेले का इंजजार करते हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय को भी मेले का बेसब्री से इंतजार रहता है। जब भी साल में एक बार मेले में आमंत्रण देने जाता हूं तो वह कहते हैं कि मुझे आना ही है क्योंकि यह मेरा मेला है। हरीश केडिया ने बताया कि पिछले 16 सालों में दो अवसर ऐसे भी आएं हैं जब सीएम मेला नहीं पहुंचे। इससे मेरा सीआर खराब हुआ है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि उनका आगामी वर्षो में मेले में सशरीर उपस्थिति रहेगी।

केडिया ने बताया कि राघवेन्द्र राव भवन में शुरू हुआ मेला आज राष्ट्रीय स्वरूप को पा लिया है। इस साल पांच सौ से अधिक स्टाल लगाये गये हैं। पिछले साल भी इतने ही स्टाल लगाये गये थे। उन्होने बताया कि मेले में केवल उद्योगपति ही नहीं बल्कि मध्यमवर्गीय और गरीबों के भी स्टाल लगे हैं। बल्कि उनकी संख्या अधिक है। मेले में सौ स्टाल निशुल्क लगे हैं। इनमें से पचास स्टाल एनजीओ और स्वास्थ्य जुड़े हैं। जो हमेशा की तरह निशुल्क सेवा मेला को देते हैं। जबकि पचास स्टाल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आवंटित किया गया है। इतना ही नहीं बल्कि पांच सौ स्टाल के अलावा कुछ छोटे मोटे सैकडों दुकान मेले में लगे हैं। जिन्हें दिन में पांच छः सौ रूपये की आय हो जाती है। उन्हें हमेशा मेले का इंतजार रहता है।

मंचस्थ अतिथियों को हरीश केडिया ने बताया कि मैं अपने आप को वारेन का शिष्य मानता हूं। इसलिए मंदी से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। मंदी के बाद ही तेजी आती है। जो काम तेजी के समय महंगे में होता है मंदी में वहीं काम कम लागत में हो जाता है। इसलिए उद्योगपतियों को बेहिचक मंदी में ताजगी के साथ उद्योग लगाने का काम करना चाहिए। केडिया ने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का हम स्वागत करते हैं। इस योजना का फायदा मैने करीब 12 से अधिक लोगों को दिलवाया है। बैंक वाले इस योजना को लेकर अभी बहुत उत्साहित नहीं है। शायद इसलिए क्योंकि उन्हें अभी शासन ने टारगेट नहीं दिया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों और व्यापारियों का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होने मेले के विस्तार के मद्देनजर साइंस कालेज के पीछे की जमीन को मेले के लिए तैयार करने का निर्देश भी दिया।

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