उप-महाप्रबंधक शर्मा का डिमोशन..पदोन्नति राशि की होगी वसूली

BHASKAR MISHRA
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p.k.sharmaबिलासपुर— छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी समिति एवं विकास निगम ने निलंबित उप महाप्रबंधक पी.के.शर्मा का डिमोशन कर दिया है। शुक्रवार को एक आदेश जारी कर निलंबित उप महाप्रबंधक पी.के.शर्मा को 2011 की पूर्व स्थिति में कार्यपालन अधिकारी ग्रेड़ 1 बना दिया है।  मालूम हो कि पी.के.शर्मा पर दुर्ग और बलरामपुर में धोखाधड़ी, सरकारी राशि गबन मामले में विभागीय जांच चल रही है। न्यायालय में भी मामला चल रहा है। प्रमोशन के दौरान जांच की जानकारी को जानबूझकर छिपाया गया। इसे गंभीरता से लेते हुए जांच रिपोर्ट के आधार पर शर्मा को उप महाप्रबंधक से पदावनत कर कार्यपालन अधिकारी ग्रेड 1 बनाया दिया गया है।

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                       अंत्यावसायी के पूर्व उप महाप्रबंध पी.के.शर्मा को शासन ने दो पद पीछे धकेलकर कार्यपालन अधिकारी बना दिया गया है। पी.के.शर्मा को साल 2011 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी से पदोन्नति देकर शासन ने उप-महाप्रबंधक बनाया था। जानकारी के अनुसार पी.के.शर्मा के खिलाफ महासमुंद अंत्यावसायी सहकारी समिति विकास समिति कार्यपालन अधिकारी सी.आर.नवरत्न की शिकायत पर विभागीय जांच चल रही थी। पुलिस जांच चलने के कारण विभागीय जांच को रोक दिया गया था। इसी मामले को लेकर शर्मा के खिलाफ जिला न्यायालय दुर्ग में भी मामला दर्ज है। पी.के.शर्मा पर 1,39,136 रूपए सरकारी राशि गबन और हेराफेरी का अपराध दर्ज है।

                       शिकायत के बाद जांच कार्रवाई के दौरान पी.के.शर्मा के खिलाफ व्यवहार न्यायालय राजपुर बलरामपुर में भी धारा 420, 465,468 34, और 37 मामला दर्ज होने की जानकारी मिली। जिसकी सुनवाई अभी भी चल रही है।

                                           विभागीय जांच अधिकारी के अनुसार निलंबित उप महाप्रबंधक से जुड़ी इन सब बातों को प्रमोशन के समय विभाग ने जानबूझकर छिपाया। जिसके कारण पी.के.शर्मा को शासन ने कार्यपालन अधिकारी से पदोन्नति कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी फिर उपमहाप्रबंध के पद पर पदोन्नति किया।

                       धोखाधड़ी और गबन का मामला सामने आने के बाद शासन ने पी.के.शर्मा के खिलाफ दुर्ग और बलरामपुर में 2008 और 2009-10 में विभागीय जांच का आदेश दिया था। चूकि इसी मामले में दुर्ग और बलरामपुर न्यायालय में सुनवाई हो रही है। इसलिए विभागीय जांच को लंबित रखना पड़ा। इस बीच पी.के.शर्मा को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए निगम मुख्यालय ने 25 जनवरी 2011 में कार्यपालन अधिकारी ग्रेड 1 को मुख्यकार्यपालन अधिकारी बना दिया। प्रमोशन प्रक्रिया के दौरान पी.के.शर्मा के खिलाफ सभी मामलों को छिपाया गया। शासन के शर्तों के अनुसार यदि प्रमोशन अंजाने में हुआ है तो पदोन्नति खुद ब खुद निरस्त मानी जाती है।

                                               निगम प्रबंध संंचालक ने रिपोर्ट और शासन के नियमों आधार बनाकर पी.के.शर्मा तत्कालीन कार्यपालन अधिकारी और निलंबित उप-महाप्रबंक को पदावनत कर कार्यपालन अधिकारी ग्रेड 1 बना दिया है। निगम प्रबंधन ने आदेश में बताया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदावनति से उपमहाप्रबंध बनने तक वित्तीय लाभ की राशि शर्मा से वसूली जाएगी।

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