ऋचा जोगी ने कहा पति के खिलाफ साजिश…सीएमएचओ से मांगा जवाब..किसके दबाव में जारी हुआ गलत बुलेटिन

BHASKAR MISHRA
7 Min Read
बिलासपुर—- रिचा जोगी ने अमित जोगी के खिलाफ अज्ञात के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया है। रिचा जोगी ने सवाल किया है कि आखिर इसके पीछे कौन है। और किसके दबाव मे सीएचएमओ ने देर रात मे मिडिया मे मनगढंत मेडिकल बुलेटिन छपवाया है। रिचा जोगी ने अपने लिखित शिकायत में सीएचएमओ से सात सवाल भी किए हैं।
                रिचा जोगी ने अपने पति अमित जोगी के खिलाफ साचिश का आरोप लगाया है। रिचा जोगी ने मंगलवार को सीएचएमओ को पत्र लिखकर अधूरा मेडिकल बुलेटिन जारी करने का भी आरोप लगाया है। रिचा जोगी ने मेडिकल अधिकारी से सात सवाल के जवाब भी मांगे हैं।
                       ऋचा जोगी ने सीएचएमओ से अपने सवाल में जानना चाहा है कि अमित जोगी पूरी तरह होश में नही हैं। ना ही पूरी रेपोर्ट दी गयी है। तिगुनी दवाईयों के खुराक दिए जाने से साइड इफेक्ट नजर आ रहा है। लेकिन मेडिकल बुलेटिन मे इस बात का जिक्र क्यों नही किया गया है। ऐसा लगता है कि दबाव डालकर कोई ना कोई जोगी परिवार से दुश्मनी निभा रहा है। इस चक्कर मे मेरे पति की जान खतरे में है।
                         ऋचा जोगी ने कहा कि मरवाही पूर्व विधायक अमित जोगी की स्थिती दिनो दिन खराब हो रही है। ऐसा लगता है कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश हो रही है। सीएचएमओ देर रात 9 बजे गलत और आधा अधूरा मेडिकल बुलेटिन जारी कर मीडिया में छपवाते हैं। जबकि एक दिन पहले अमित जोगी को डिस्चार्ज करने की खबर आयी। बाद मे प्रबंधन ने बताया कि डिस्चार्ज की जानकारी हमारे संज्ञान मे नही है। अपोल प्रबंधन ने बताया कि डिस्चार्ज करने की जानकारी गलत है।  लेकिन देर रात अचानक एक अधूरा मैडिकल बुलेटिन जारी कर दिया जाता है। वह भी आधी अधूरी…इससे जाहिर होता है कि अमित जोगी के खिलाफ गहरी साजिश हो रही है।
                       ऋचा जोगी ने सवाल उठाते हुए कहा की अगर रिपोर्ट समान्य थी तो बीपी ऑर सीजर की दवाईयों मे बृद्धी क्यों की गयी।  यूरिन कल्चर की रिपोर्ट में अमित जोगी को एक्टिव हेपेटाइटिस बी B बताया जा रहा है। खून की जांच में सोडियम पोटैशियम की मात्रा रिपोर्ट को अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। एक दिन पहले अमित जोगी को खाना खाने से लेकर उल्टी दस्त की शिकायत थी। लगातार चक्कर और बेहोशी की भी शिकायत थी। शिकायत के बाद इंजेक्शन भी दिया गया। लेकिन मेडिकल बुलेटिन में इसका जिक्र क्यों नहीं है।
                 ऋचा जोगी ने कहा कि अमित जोगी पूरी तरह से होश में नहीं है। ना ही उनकी रेपोर्ट दी जा रही है। बावजूद इसके तीन गुना दवाई का डोड तीन गुना कर दिया गया है। दवाओ के कई साइड अफेक्ट भी चालू हो गए हैं। जिसकी शिकायत लगातर की जा रही है। लेकिन मेडिकल बुलेटिन में सब कुछ सामान्य बताया जा रहा है। यह अपने आप मे गंभीर सवाल है। यह जानते हुए भी संविधान में हर व्यक्ति के लिए स्वास्थ और चिकितसा को निजी मामला माना गया है। फ़िर भी प्रबंधन किसके दबाव मे है। इस बात की जानकारी जरूरी है।
                                   ऋचा जोगी ने आरोप लगाने के साथ निवेदन किया है कि राजनितिक दाँव पेच और जोगी परिवार से दुश्मनी निभाने के चक्कर मे मेरे पति की जान खतरे में है। मेडिकल बुलेटिन जारी करने वाले और  दबाव डालने वाली ताकतें मानवता को शर्मसार ना करें।
बिलासपुर— प्रदेश सरकार के 82 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के एलान के बाद सामान्य वर्गो में हलचल मच गयीह है। मामले में एक युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार के निर्णय का विरोध किया है। अधिवक्ता आदित्य तिवारी ने अपनी याचिका में बताया कि सरकार का फैसला सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन और संविधान के खिलाफ है।
                           आदित्य तिवारी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 82 से 84 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है। सरकार ने आर्डिनेन्स भी जारी कर दिया है। जबकि सरकार को भी मालूम है कि 82 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना संभव नहीं है। ऐसा लगता है कि सरकार ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी राज्य में पचास प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण  नही देने का गाइड लाइन भी निर्धारित किया है।
            आदित्य ने बताया कि सरकार के फैसले से सामान्य वर्ग के बेरोजगरो के लिए सरकारी नौकरी और प्रतियोगी परीक्षा के रास्ते बंद हो जाएंगे। याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया है कि आरक्षण से एसटी वर्ग का भी नुकसान है। 16 प्रतिशत की जगह 13 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को आरक्षण से केवल निम्न स्तर के लोगो को फायदा होगा। बाकी सामान्य वर्ग के बेरोजगरो को दस प्रतिशत आरक्षण का फायदा नही मिलेगा।
                         अधिवक्ता आदित्य तिवारी ने बताया कि हाईकोर्ट में याचिका लगा कर सरकार के आरक्षण फैसले को चुनौती दी है। वर्तमान में एसटी को 32 एससी को 13 और ओबीसी को 28 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का फैसला हुआ है। जबकि ब सामान्य को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का एलान किया गया है।
close