एकीकरण के खिलाफ आइबोक की याचिका…आईबोक सहायक महासचिव ने कहा…विलय से अर्थनीति को नुकसान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फ़ेडरेशन समेत देना,विजया और बैंक ऑफ बरौदा ने दिल्ली उच्च न्यायालय में बैंक एकीकरण प्रस्ताव के खिलाफ रिट पिटीशन दायर किया है। बैंक की तरफ से वकीलों ने बताया कि सरकार का विजया, देना और बैंक ऑफ बडौदा का विलय  जनहित के खिलाफ है। सरकार के प्रस्ताव को रोका जाए।
            ऑईबोक के सहायक महासचिव ललित अग्रवाल ने बताया कि एकीकरण के प्रस्ताव का ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फ़ेडरेशन ने जनहित में  हर स्तर पर विरोध करने का फैसला किया है। आज दिल्ली हाईकोर्ट में बैंक प्रबंधन की तरफ से रिट याचिका दायर की गयी है। वकीलों ने बताया कि सरकार का बैंक एकीकरण के प्रस्ताव को अमल में आने से पहले तत्काल रोका जाए। यदि बैंकों का एकीकरण हुआ तो देश की आर्थिक नीति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। जनहित के खिलाफ भी होगा।
              ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फ़ेडरेशन के खिलाफ बैंक ऑफ बडौदा प्रबंधन की तरफ से अटर्नी जनरल ने स्वयं और देना बैंक प्रबंधन की तरफ से मशहूर वकील ने पैरवी कर एकीकरण का विरोध किया। श्री दत्तार और एवीडी प्रसन्ना ने हाई प्रोफाइल व्यक्तियों के विरुद्ध रिट पिटीशन दायर करवाने में सफलता प्राप्त की। .
 ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फ़ेडरेशन के सहायक महासचिव ललित अग्रवाल ने बताया कि बैंकिग इंडस्ट्री ने एक बार फिर साबित किया कि नीति निर्धारको के प्रत्येक गलत निर्णय का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। संगठित क्षेत्र के बैंक अधिकारियो के सबसे बड़े संगठन होने के नाते आईबोक ने आमजनता को एकीकरण के पीछे सरकार की मंशा स्पष्ट कर सहयोग अपील की जाएगी।
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