VIDEO-NSUI छात्रों ने किया हंगामा…कहा जनप्रतिनिधि का अपमान नाकाबिले बर्दास्त..नहीं होने देंगे दीक्षांत समारोह

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—  दीक्षांत समारोह की तैयारियों के बीच आज अटल बिहारी विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति और रजिस्ट्रार के कक्ष में पहुंचकर जंकर विरोध प्रदर्शन किया। जमकर नारेबाजी की…स्थानीय विधायक के समर्थन में जिन्दाबाद के नारे लगाए। एनएसयूआई प्रदेश सचिव की अगुवाई में छात्रों ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्रों को उत्तेजित किया है। सुनियोजित रणनीति के तहत स्थानीय विधायक अपमान किया है। अपमान को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा।धरना प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय प्रबंंधन ने छात्रों को समझाने का प्रयाविस किया। संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने और जानबूझकर विधायक शैलेन्द्र पाण्डेय को अपमानित किए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। सोहेल खालिक की अगुवाई में छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय का राजनीतिकरण किया जा रहा है। हम किसी भी सूरत में इस बात को बर्दास्त करने को तैयार नहीं है।

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                सोहेल समेत अन्य छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को बताया कि स्थानीय विधायक ना केवल जनप्रतिनिध हैं। बल्कि शिक्षाविद् भी हैं। आगामी कुछ दिनों के भीतर विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाना है। हमे इस बात को लेकर ना केवल गर्व है..बल्कि हम दीक्षांत समारोह का बेसब्री का इंतजार भी कर रहे हैं। लेकिन विश्वविद्यालय ने जिस तरह का व्यवहार चुने हुए प्रतिनिधि और बिलासपुर के विधायक से साथ किया गया है। निश्चित रूप से बर्दास्त के काबिल नहीं है।

           एनएसयूआई नेता सोहेल ने बताया कि दीक्षांत समारोह में छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाना है। समझ में नहीं आ रहा है कि  क्या विश्वविद्यालय ने फैसला किया है कि भेदभाव किस तरह किया जाता है। यह जानते हुए भी स्थानीय विधायक शैलेश पाण्डेय को शिक्षा के क्षेत्र में 17 साल का अनुभव है। बेहतर होता कि विश्वविद्यालय छात्रों को शैलेश पाण्डेय के अनुभव का लाभ देने का मौका दिया जाता।

              जिस नोट सीट में मुख्य अतिथियों का नाम नोट किए गए थे…उसमें तत्काल संशोधित कर शैलेश पाण्डेय के नाम के साथ विश्वविद्यालय की साइट में प्रकाशित किया जाए। सोहेल ने बताया कि शिक्षा के मंदिर में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। शिक्षण संस्थान में संवैधानिक समानता की बात की गयी है। यदि विधायक शैलेश पाण्डेय का नाम अतिथियों की सूची में शामिल नहीं किया जाता है…और विश्वविद्यालय अपनी गलतियों को नहीं सुधारता है। ऐसी सूरत में हम दीक्षांत कार्यक्रम को नहीं होने देंगे। यदि विश्वविद्यालय इस भ्रम में है कि कुछ लोगों के इशारे पर कार्यक्रम को सफल बना लेंगे तो…प्रबंधन की बहुत बड़ी भूल होगी।

                    सोहेल ने बताया कि प्रबंधन ने छात्रों की बातों को गौर सुना है। शिकायत को संशोधन के फारवर्ड भी कर दिया है। अब हमें प्रबंधन के फैसले का इंतजार है।

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