एनटीपीसी के खिलाफ फिर एक हुए ग्रामीण—भूख हडताल का एलान…कहा प्लांट ने कहीं का नहीं छोड़ा

BHASKAR MISHRA
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IMG20170911152332बिलासपुर—एनटीपीसी में नौकरी नहीं मिलन से परेशान सीपत क्षेत्र के 8 गांव के भू-विस्थापितों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया है। ग्रामीणों ने बताया कि इंतजार की हद हो गयी है। 20 साल से हमारे हिस्से में केवल इंतजार ही है। जमीन लेने के बाद एनटीपीसी ने नौकरी नहीं दी…। शासन ने भी सहयोग नहीं किया। हम लोगों ने जमीन देकर अपना सब कुछ गंवा दिया है। विस्थापितों में से मात्र कुछ चुनिन्दा लोगों को ही नौकरी मिली है।

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                   ग्रामीणों ने बताया कि भूमि अधिग्रहण के समय एनटीपीसी ने आश्वासन दिया था कि विस्थापित सभी लोगों को कम्पनी में नौकरी दी जाएगी। 692 लोगों को नौकरी दिया जाना था। मात्र दस प्रतिशत लोगों को ही नौकरी दी गयी। बाकी लोगों को केवल आश्वासन मिला है। कई लोग तो नौकरी की उम्मीद में भगवान को भी प्यारे हो गए हैं।

ग्रामीणों के अनुसार 30 दिसम्बर 2016 को कलेक्टर मंथन सभागार में तीन पक्षीय बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में कलेक्टर,एनटीपीसी के आलाधिकारी, सांसद,विधायक और 8 गांवों के भूविस्थापित लोग और गांवों के जनप्रतिनिधियों  ने हिस्सा लिया था। इस दौरान निर्णय लिया गया था कि एनटीपीसी प्रबंधन विस्थापितों को हक दे।

                  ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को बताया कि बैठक में एनटीपीसी प्रबंधन ने आरक्षण नियमों का हवाला दिया था। जबकि भूमि अधिग्रहण के समय आरक्षण का कोई मुद्दा नहीं था। नियमानुसार जमीन मालिक को नौकरी दिया जाना अनिवार्य था। बावजूद इसके आज तक 90 प्रतिशत प्रभावितों को नौकरी नहीं मिली है।

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