जशपुरनगर-राष्ट्रीय राजमार्ग 43 निर्माण के लिए जशपुर जिले में कितने वृक्षों की कटाई की गई कटे वृक्षों के बदले कितने कितने वृक्ष कहाँ कहाँ लगाए गए हैं? वृक्ष लगाने के लिए कितनी कितनी राशि वन विभाग को प्राप्त हुई ? कितनी राशि उपयोग व्यय किया गया एवं कितनी राशि शेष है? इस प्रश्न के जवाब में वन मंत्री ने जवाब दिया कि जशपुर वनमण्डल अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग में प्रभावित वन क्षेत्र एवं राजस्व क्षेत्र में कुल 12023 वृक्षों की कटाई की अनुमति के विरुद्ध 6जून 2019 तक 10817 वृक्षों की कटाई की गई शेष 1206 वृक्षों के कटाई का कार्य प्रगति पर है।जशपुर वनमण्डल अन्तर्गत राजस्व क्षेत्र अंतर्गत काटे गए वृक्षों की संख्या 7863 वृक्षों के बदले तपकरा परिक्षेत्र में कक्ष क्रमांक RF897 में 20 हेक्टेयर में 22000 पौधे एवं कक्ष क्रमांक RF898 में 20 हेक्टेयर क्षेत्र में 22000 पौधे कुल 44000 पौधों का रोपण माह जून जुलाई 2018 तक किया गया है।सीजीवाल डॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे
जशपुर जिले अन्तर्गत राजमार्ग 43 के निर्माण में काटे गए वृक्षों के एवज़ में वनक्षेत्र राजस्व क्षेत्र, राजस्व वनक्षेत्र में वृक्षारोपण के लिए एडहॉक कैम्पा जिसमें वनक्षेत्र राजस्व वनक्षेत्र में विदोहन में 30611322.00 राशि प्राप्त हुई जिसमें से पौधे रोपित नहीँ किये गए हैं और पूरी राशि शेष है।
पी डी खाते में राजस्व क्षेत्र में 40325000.00 राशि प्राप्त हुई है जिसमें से कक्ष क्रमांक 897,898 में 20_20 हेक्टेयर में 22_22 हजार पौधे रोपित करने के लिए 1267130.00 राशि व्यय की गई है।वृक्षारोपण के लिए कुल प्राप्त 70936322 रुपये में से 40 हे में 44000 पौधे रोपण में 1267130 रुपये व्यय हुए कुल 69669192.00 रुपये शेष है।
विधायक यूडी मिंज ने कहा कि प्रश्न यह है कि एन.एच. में काटे गये वृक्ष के बदले रिजर्व फारेस्ट में वृक्षा रोपण क्यों किया गया जबकि वन विभाग को एनएच 43 में वृक्षारोपण किया जाना था। इतने पुराने वृक्षों को काटा गया है जो कि छायादार फलदार वृक्ष थे उनके बदले में एनएच 43 में वृक्षारोपण किया जाना था। उन्होंने कहा कि यह पूछना होगा कि वृक्षों की कटाई किसकी अनुमति से कराई गई और इसकी शर्तें क्या थी।
उन्होंने कहा कि एन.एच. 43 में काटे गये वृक्ष के बदले रिजर्व फारेस्ट कक्ष क्रमांक 897,898 तपकरा में वृक्षा रोपण क्यों किया गया जबकि वन विभाग को एनएच 43 में वृक्षारोपण किया जाना था। उन्होंने कहा कि इतने ज्यादा संख्या में पेड़ काटे गए उसकी आवश्यकता नहीं थी 1000-1200 पेड़ काटे जाने थे जहाँ अत्यंत जरुरी थे जबकि आवश्यक पेड काट दिए गए हैं। जितने पुराने पेड कटे उनमें से लगभग पेड बचाये जा सकते थे फिर भी सभी पेड आननफानन में काट दिया गया। यह पर्यावरण से जुड़ा विषय है इससे हमारी वनों की सुदरता प्रभावित हुई है । जंगलों के प्रति जशपुर जिले के नागरिकों का जो जुड़ाव है उनके भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है।विधायक कुनकुरी यूडी मिंज ने माँग कि एडहाक कैम्पा मद में जो 69669192.00 राशि शेष है उस राशि से क्या एनएच 43 के किनारे अब 2019-20 वृक्षारोपण कराया जाये