एसईसीएलः कोल कर्मचारियों को मार्डन क्वार्टर..डिसेन्ट हाऊसिंग का नवीनीकरण..उत्पादन के साथ सुविधाओं का विस्तार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— एसईसीएल कोयला उत्पादन और परिहन के साथ अधिकारियों और कर्मचारियों की सुविधाओं पर भी खास ख्याल रखता है। कर्मचारियों के रहन सहन स्तर को बेहतर बनाने निरंतर सक्रिय है। एसईसीएल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी इस बात का संकेत है कि कम्पनी कर्मचारी और अधिकारियों के हितों को लेकर संवेदनशील है। यह बातें डॉ. आर. एस. झा निदेशक (कार्मिक) ने कही।
                डॉ.आर.एस झा ने बताया कि कोयला उत्पादन निश्चित रूप से जटिल प्रक्रिया है। अधिकतर कोयला खदानें दूरदराज के क्षेत्र में हैं। ऐसे में कर्मियों का जीवनस्तर उत्कृष्ट होने से कार्य के प्रति समर्पण का भाव खुद जागृत होता है। इन्ही सोच के साथ एसईसीएल प्रबंधन ने अपने कर्मियों को खूबसूरत आधुनिक क्वार्टर की सुविधा डिसेन्ट हाउसिंग के तहत उपलब्ध कराने का फैसला किया।
                  डिसेन्ट हाउसिंग योजना के तहत ऐसे क्वार्टर जो रखरखाव के अभाव में बेकार हो चले थे या फिर जर्जर हो गये थे उनका समावेश किया गया है। एसईसीएल प्रबंधन अब इस प्रकार के क्वार्टरों की तस्वीर बदल रहा है। डिजाइन को नये रंग और मार्डन अंदाज में बदला गया है। प्रोजेक्ट 2016 से चल रहा है। एसईसीएल का लक्ष्य है कि चिन्हित किये गये सभी 42,036 मकानों का नवीनीकरण किया जाये। अब तक 35,043 क्वार्टर को नये सिरे से तैयार किए जा चुके हैं।
                     2016 में कोयला मंत्रालय ने कोल सेक्टर के अधिकारियों और कर्मचारियों के आवासों के नवीनीकरण और मरम्मत का प्लान बनाया था। इसी क्रम में ए , बी टाइप के अलावा  माइनर्स क्वार्टर्स में एसईसीएल प्रबंधन ने टॉयलेट्स और बाथरूम में टाइल्स, किचन में ग्रेनाइट्स, दरवाजों और खिड़कियों पर एल्युमिनियम फ्रेम के अलावा मास्किटो प्रूफ वायर जाली लगाने के साथ-साथ क्वार्टर में आवश्यक मरम्मत और रख-रखाव किे हैं।
                                 प्रबंधन ने इस बात की कोशिश की है कि मरम्मत और नवीनीकरण के काम के दौरान सतत निगरानी रखी जाये। कार्य में उत्कृष्ट गुणवत्ता सुनिश्चित हो। एसईसीएल मुख्यालय से गुणवत्ता नियंत्रण टीम भी वक्त-वक्त पर निरीक्षण के लिए पहुॅंची।  निर्माण में प्रयोग हो रहे सामानों की भी प्रयोगशाला जॉंच और क्षेत्र स्तरीय कल्याण समिति से निरीक्षण कराया गया।
                                  कर्मचारियों से डिसेन्ट हाउसिंग के कार्य का फीडबैक लिया गया। कर्मचारियों को इन आवासों में रहने में किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए कल्याण बोर्ड की तरफ से भी निरीक्षण कराया गया।  निरीक्षण के बाद जो भी सुझाव आए उस पर अमल भी कराया गया। बाहरी स्वच्छता में सुधार लाने के लिए जिन कार्यों की आवश्यकता थी उसे भी कराया गया। एसईसीएल के समस्त क्षेत्रों के क्वार्टरों में रहने वाले कर्मचारियों ने अपने क्वार्टर के नवीनीकरण और बदलाव पर खुशी जतायी है।
                         स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति हो इसके लिए एसईसीएल ने खास व्यवस्था की है। अलग-अलग जगहों पर 42 आरओ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाये गये हैं। प्लांट से 1000 लीटर प्रति घंटे से पानी का शुद्धिकरण होता है। आरओ प्लांट के निर्माण के लिए प्रबंधन से स्वीकृति उपरांत अब तक 26 आरओ वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट के लिए कार्यादेश भी जारी किया जा चुका है। डॉ. झा ने दावा किया है कि सभी कार्य एसईसीएल कर्मचारियों की संतुष्टि बढ़ाने और कम्पनी के कोयला उत्पादन की वृद्धि में सहायक सिद्ध होंगे।
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