बिलासपुर—हस्तशिल्प भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है। हस्तशिल्प के क्षेत्र में सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को लेकर छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड लगातार काम भी कर रहा है। राज्य के लुप्तप्राय शिल्प को पुनर्जीवित करने हरसंभव भगीरथ प्रयास भी किया जा रहा है। इसी क्रम में हस्तशिल्प के चहुमुंखी विकास को ध्यान में रखते हुए एसईसीएल ने स्पाट लाइट एवं आउटडोर सिस्टम स्थापना के लिए 25 रूपए देने का एलान किया है।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, बिलासपुर ने सीएसआर मद से छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड को 25 लाख रूपए देने का एलान किया है। राशि को छत्तीसगढ़ हाट परिसर, रायपुर में निर्मित पक्के विपणन केन्द्रों के व्हाइट वाशिंग, ब्यूटिफिकेशन, बैठने की व्यवस्था, स्पॉट लाइट एवं आउटडोर ऑडियो सिस्टम निर्माण में खर्च किया जाएगा।
एसईसीएल जनसम्पर्क से हासिल जानकारी के अनुसार इन कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए पहली किस्त जारी कर दी गयी है। एसईसीएल के सीएसआर गतिविधि से 500 से अधिक आदिवासी कारीगरों की कला और कलाकृतियों को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही साल भर चलने वाले प्रशिक्षण और प्रदर्शनियों से छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृति की महक राष्टीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जन जन तक पहुंच रही है।
मालूम हो कि एसईसीएल प्रबंधन ने अपने प्रारंभिक काल से ही हस्तकला को प्रोत्साहित करने का बी़ड़ी उठाया है। इस दिशा में निरंतर प्रयास भी किया जा रहा है।