बिलासपुर—-मधुमेय दिवस पर एसईसीएल मुख्यालय में शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान चिकित्सकों की टीम ने उपस्थित लोगों को डायबिटीज की विस्तार से जानकारी दी। डॉक्टरों ने डायबिटीज के कारणों के बारे में बताया। साथ ही रोग से बचने के उपाय भी बताए।
मधुमेय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में 210 से अधिक अधिकारी, कर्मचारियों ने सुगर और ब्लड प्रेशर कराया। 25 से अधिक कर्मियों को पहली बार बढ़े शुगर लेवल की जानकारी हुई। जांच के साथ ही डॉक्टरों ने चिकित्सकीय परामर्श दिया।
जाँच शिविर में एसईसीएल की प्रमुख चिकित्सा सेवाएं डॉ श्रीमती मीनाक्षी देव, डॉ यादगिरी, डॉ श्रीमती संध्या शुक्ला,डॉ श्रीमती विजयलक्ष्मी धान, डॉ अरिहंत जैन समेत नर्स और मेडिकल असिस्टेंट मौजूद थे। जांच के बाद कर्मियों को डाइबिटीज़ बचाव के ब्रोशर भी दिए।
मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में कुल डायबेटिक लोगों की एक तिहाई आबादी भारत में रहती है। साल 1980 में भारत में 119 मिलियन डायबिटीज रोगी थे। साल 2014 में संख्या 645 मिलियन पहुँच गयी । इस बीच पुरुषों में डायबिटीज की संख्या दुगुनी हुई है। महिलाओं की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत का इजाफ़ा हुआ है ।