नई दिल्ली-देश में ऑटोमोबाइल उद्योग मंदी की मार झेल रहा है, पिछले 21 सालों के दौरान देश में सबसे कम गाड़ियां खरीदी गईं. देश की बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी कुछ दिनों के लिए अपने प्रोडक्शन पर रोक लगा चुकीं हैं, जिसकी वजह से इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की नौकरियों पर भी मौजूदा समय में खतरा बना हुआ है. ऐसे में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर की गिरावट के लिए लोगों के माइंडसेट में बदलाव को बताया है और बीएस-6 मॉडल को भी इसका जिम्मेदार ठहराया है. वित्त मंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर की हालत के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार हैं जिनमें बीएस-6 मूवमेंट, रजिस्ट्रेशन फी से संबंधित मामले और लोगों का माइंडसेट भी शामिल है.
ओला ऊबर कैब भी है ऑटो सेक्टर में मंदी का कारण
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा लोग आजकल ओला-ऊबर कैब का इस्तेमाल भी खूब जमकर कर रहे हैं. कैब के इस्तेमाल की वजह से लोगों को गाड़ी की ईएमआई भरे बिना ही गाड़ी का लुत्फ उठा रहे हैं इसके अलावा लोग मेट्रो में भी सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं यह सब कारण भी ऑटो सेक्टर में गिरावट की एक बड़ी समस्या है. वित्तमंत्री ने स्वीकार किया कि इस सेक्टर में गिरावट एक गंभीर समस्या है और इसका हल निकाला जाना चाहिए. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर वित्त मंत्री पत्रकारों से बात कर रही थीं.
इसके पहले मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इस बात से इनकार किया था कि ओला, ऊबर की वजह से कारों की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है. उन्होंने इसके लिए सरकार की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया था. भार्गव ने बताया कि पेट्रोल-डीजल की ऊंची टैक्स दर और रोड टैक्स की वजह से भी लोग कार खरीदने से कतराने लगे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि जीएसटी की कटौती से इसमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. वहीं इंडस्ट्री इस सुस्ती से निपटने के लिए जीएसटी कट की मांग कर रही है.