रायपुर।प्रदेश सरकार की संस्था छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड और आयुर्वेदिक दवाइयों की प्रमुख कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।बोर्ड के अध्यक्ष रामप्रताप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में यह समझौता हुआ।उन्होंने कहा कि इस समझौते से राज्य में हर्बल सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीणों को रोजगार तथा अतिरिक्त आमदनी के नए अवसर मिलेंगे। अधिकारियों ने बताया कि इस एमओयू के अनुसार कंपनी को राज्य के वनो से औषधीय पौधों की उपज कच्चे माल के रूप में वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।इससे संयुक्त वन प्रबंधन योजना के तहत 800 समितियों के चार हजार सदस्यों को अतिरिक्त आमदनी का फायदा होगा। कच्चे औषधीय पौधे वनों को संरक्षित रखते हुए कंपनी को दिए जाएंगे। इससे राज्य में औषधीय पौधों की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
कंपनी द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में औषधीय पौधों की नर्सरी भी तैयार की जाएगी। एमओयू पर छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ए.के. द्विवेदी तथा डाबर कंपनी के अनुसंधान एवं विकास विभाग के प्रमुख डॉ. जे.एल.एन. शास्त्री ने हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. जे.पी. शर्मा सहित वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए.ए. बोआज और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।