कडार के युवा मजदूर को PMO का पत्र….शासन को भी निर्देश…परमेश्वर की जूनुनियत को करे सलाम…

BHASKAR MISHRA
बिलासपुर–25 साल का एक मजदूर…जिसे परिवार का पेट भरने से कहीं ज्यादा चिंता..पर्यावारण संरक्षण को लेकर है। बिल्हा निवासी युवा मजदूर हर साल सैकड़ों पौधे लगाता है। ना केवल पौधे लगाता है बल्कि लगाए गए पौधों की साल भर सेवा भी करता है। युवा मजदूर का दावा है कि उसके लगाए हजारों पौधे आज भी जिंदा है। कई पौधे पेड़ बन गए हैं। कमोबेश सभी पेड़ औषधियों की दृष्टिकोण से उपयोगी भी हैं। परमेश्वर ने बताया कि लोगों की मांग पर पौधों का निशुल्क वितरण भी करता है।
                                          कड़ार निवासी युवा परमेश्वर रजक इन दिनों किसी परिचय के मोहताज नहीं है। करीब दस साल से लगातार पौधरोपण के जुनून ने परमेश्वर को आम से खास बना दिया है। अभी कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय से शासन और प्रशासन को एक पत्र मिला है कि कड़ार निवासी परमेश्वर के पौधरोपण के जूनुन को ना केवल प्रोत्साहित करें। बल्कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर उनके कार्यों का सम्मान भी करें। साथ ही लोगों के बीच से परमेश्वर जैस युवाओं को तैयार कर पर्यावरण संरक्षण अभियान से भी जोड़ें।
                                   बहरहाल परमेश्वर प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले पत्र को बहुत खुश है। उससे कहीं ज्यादा इस बात को लेकर मस्त है कि शासन प्रशासन ने उसके अभियान को भले ही महत्व नहीं दिया हो। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से उसके काम की सराहना हुई है। परमेश्वर इस बात को लेकर हतप्रभ भी है कि मामले की जानकारी प्रधानंत्री कार्यालय तक पहुंची कैसे। जबकि उसने मामले की जानकारी भी नहीं दी है।
                                        पेशे से पार्ट टाइम मजदूर,,जन्मजात किसान परमेश्वर का घर कड़ार बिल्हा जनपद पंचायत में  है। परमेश्वर रजक हाईकोर्ट में माली का काम देैनिक वेतन पर करता है। परमेश्वर की इससे कहीं अधिक पहचान उसकी जूनूनियत है। परमेश्वर ने बताया कि वह गांव में पैदा हुआ है। गांव की हरियाली ने उसे बचपन से सम्मोहित किया। लेकिन समय के साथ हरियाली गायब होने लगी। इस बात को लेकर उसे बहुत पीड़ा हुई। मां की प्रेरणा से उसने संकल्प लिया कि अब हरियाली को नष्ट होने नहीं दूंगा। भले ही चाहे इसकी कीमत कुछ भी हो।
                  परमेश्वर ने बताया कि  रोजी मजदूरी कर घर का पेट पालता है। ऐसी सूरत में पौधा खरीदना उसके बस में नहीं था। इसके लिए उसने अपने खेत और बाड़ी को  नर्सरी बना दिया। हर साल हजारो पौधे तैयार करता है। पिछले दस साल से वह यही काम कर रहा  है। मौसम आते ही सरकारी खाली जमीनों पर ना केवल पौधा रोपता है। बल्कि तैयार होने तक उसकी सेवा भी करता है।
                               परमेश्वर रजक ने बताया कि उसने अभी तक हजारो आयुर्वेदिय पौधों को ना केवल तैयार किया। बल्कि वितरण भी किया है। ज्यादातर पर्यावरण को संतुलित करने वाले पौधे ही तैयार करता है। खासकर आयुर्वेदिक और छायादार पौधों को महत्व देता है। लोगों की मांग पर घर पहुंच पौधों का निशुल्क विरतरण करता है। क्योंकि उसका मानना है कि प्रकृति में ईश्वर का वास होता है। पौधा लगाना,संरक्षित करना और निशुल्क वितरण करना ही उसकी पूजा है। इस साल बिल्हा तहसील के चार शासकीय विद्यालयों मे 800 पौधे नि : शुल्क वितरण किया है।
                             परमेश्वर रजक के अनुसार जिस दिन लोग पेड़ पौधों का महत्व समझेंगे उसी दिन से खड़े पेड़ों को कोई बुरी नजर से नहीं देखेगा। इस बात का दुख है कि लोग मुंह में राम और बगल में छूरी रखते हैं। साल भर निजी हितों को लेकर पौधों को मौत के घाट उतारते हैं। फिर यही लोग मौसम आते ही पर्यावरण संरक्षण की दुहाई देते हैं। क्योकि इनकी करनी और कथनी में भेद है।
                                         परमेश्वर रजक  ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर समाज और छात्रों के बीच जागरुकता अभियान भी चलाता है। विभिन्न गांवों में लोगों की मांग पर पौधे बांटता है। बाजार से बीज खरीदकर अपने घर और बाड़ी मे ही मिट्टी से भरे पालिथिन में पौधे तैयार करते हैं। स बात की खुशी है कि हाईकोर्ट परिसर में उनके लगाए पौधे अब जवान हो गए हैं। पेड़ और पौधों को देखकर गदगद हो जाता हूं। यही खुशी ही काम करने की शक्ति देती है।
                   युवा परमेश्वर ने बताया कि पर्यावरण महत्व का पाठ मां से सीखा है। उसी की प्रेरणा से पिछले दस सालों में हजारों हजार पौधों का निशुल्क वितरण किया। इससे कहीं अधिक पौधे लगाए हैं। लगाए गए सभी पौधे अब जवान हो चुके हैं।
                                      परमेश्वर रजक की पेड़ पौधों के प्रति जूनुनियत की तारीफ बुद्धिजीवी भी करते हैं। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कड़ार के प्रधान पाठक  प्रहलाद साहू, शिक्षक वेदराम सूर्यवंशी, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय -लिमतरी  के शिक्षक , डाक्टर तोमस,  शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  सारधा के  शिक्षक अजय चंद्रवंशी, शा.हा. से, स्कूल सेंवार के -शिक्षक ने बताया कि हमें परमेश्वर पर गर्व है।
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