कब्रिस्तान का रूपया खा गया सरपंच..निर्माण में लाखों का घोटाला..मंत्रालय का निर्देश.. जिला पंचायत सीईओ ने दिया जांच का आदेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पंचायत मंत्रालय से शिकायत और निर्देश पर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सरपंच और सचिव के खिलाफ जांंच का आदेश दिया है। बताते चलें कि मस्तूरी जनपद पंचायत के झलमला ग्राम पंचायत में कब्रिस्तान आहाता निर्माण के लिए शासन ने करीब 12 लाख रूपए दिए थे। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि बिना आहाता बनाए सरपंच और सचिव ने मिलकर पंचायत का करीब 6 लाख रूपए डकार गए हैं। मामले में सहमद खान ने मामले में जांच की मांग की थी। आज जिला पंचायत सीईओ ने एक आदेश जारी कर मस्तूरी सीईओ को जांच पड़ताल का जिम्मा देकर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामला करीब एक साल पुराना है।

                   पंचायत मंत्रालय के निर्देश पर जिला पंचायत रीतेश अग्रवाल ने झलमला में कब्रिस्तान आहाता निर्माण में अनियमितता को लेकर जांच का आदेश दिया है। रीतेश अग्रवाल ने आदेश जारी कर मस्तूरी जनपद सीईओ को जांच के बाद रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

                    स्थानीय लोगों ने सहमद खान की अगुवाई में मामले में पंचायत मंत्री टीएस सिंह देव से शिकायत की थी। पंचायत मंत्रालय ने जिला पंचायत बिलासपुर को निर्देश दिया है कि शिकायात को गंभीरता से लिया जाए।

                 अपने पत्र में पंचायत मंत्रालय को सहमद खान ने बताया है कि झलमला में मुस्लिम समाज की मांग पर कब्रिस्तान का निर्माण किया जाना था। करीब एक साल होने को हैं लेकिन कब्रिस्तान का आहाता का निर्माण नहीं किया गया। सहमद खान ने पंचायत मंत्री टीएस को लिखे पत्र में बताया है कि आहाता निर्माण के लिए शासन ने 11 लाख 56 रूपए  अनुसूचित विकास प्राधिकरण मद से पंचायत झलमला को दिए।

गुपचुप साढ़े पांच लाख रूपए निकाला

                    अमानत में खयानत करते हुए झमला सरपंच राजेन्द्र साहू ने पंचायत खाते के एक्सिस बैंक जयरामनगर से  क्रमिक रूप से 4 जुलाई 2018 को 1 लाख 56 हजार रूपए, 10 जुलाई 2018 को 20 हजार रूपए और 2 अगस्त 2018 को 92 हजार रूपए निकाले। सरपंच विरेन्द्र साहू ने 3 अगस्त को एक लाख पचास हजार और  8 अगस्त 2018 को एक लाख रूपए पंचायत खाते से निकाला। राजेन्द्र ने कब्रिस्तान आहाता निर्माण के लिए पांच बार में कुल पांच लाख 28 रूपए का आहरण किया। लेकिन आहाता निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ।

                     इसी बात कब्रिस्तान आहाता निर्माण में हो रही देरी को लेकर मुस्लिम समाज और स्थानीय लोगों में नाराजगी आने लगी। राशि स्वीकृत होने के करीब 6 महीने बार पंचायत के मुस्लिम पंच और समाज प्रमुखों ने राजेन्द्र साहू पर निर्माण कार्य के लिए दबाव बनाया। लगातार दबाव के बाद राजेन्द्र साहू ने कहा कि आप लोगों में मेरी देखरेख में आहाता का निर्माण कराएं। इसके बाद आहाता निर्माण के लिए मौटरियल गिराया गया। काम भी शुरू हो गया।

               सहमद ने पचायत मंत्री को अपनी शिकायत में बताया कि इसी दौरान जानकारी मिली कि सरपंच ने बिना किसी को सूचना दिए6 महीने पहले पंचायत के खाते से पांच लाख 28 रूपए का आहरण कर लिया है।  इसके चलते मजदूरों और मैटेरियल सप्लायर को राशि देने में आनाकानी करने लगा। दबाव डाले जाने राजेन्द्र साहू ने बताया कि सारे पैसे खर्च हो गए हैं। इसलिए मैटेरियल और मजदूरों का भुगतान नहीं कर सकता है।मामले में सचिव भी मौन साधे हुए है। इससे जाहिर होता है कि रूपए खाने में सरपंच के साथ सचिव की भी अहम भूमिका है।

                        पंचायत मंत्री को अपने पत्र में सहमद ने जानकारी दी है कि पंचायत अधिनियम के तहत सरपंच को अपने खाते में मात्र 21 सौ से अधिक रूपए रखने का अधिकार नहीं है। लेकिन झलमला के राजेन्द्र साहू के खाते में शासन का पांच लाख 30 हजार रूपए जमा है। जिसे अपना बताकर रूपयों का उपोग निजी कार्य में कर रहा है। निश्चित रूप से यह अपराध की श्रेणी में आता है।

शिकायत कर्ता ने मांग करते हुए लिखा है कि झलमला सरपंच राजेन्द्र साहू  पर अमानत में खयानत के तहत कार्रवाई की जाए। सहमद ने यह भी आरोप लगाया है कि इसके पहले भी 15 से 14 पंचों ने लिखित शिकायत कर बताया है कि सरपंच राजेन्द्र साहू ने ओडीएफ, बाजार राशि घोटाला, भवन निर्माण घोटाला,स्कूल अाहाता निर्माण घोटाला को अंजाम दिया है। जिला पंचायत और जनपद पंचयत मेंं  राजेन्द्र के खिलाफ कई बार शिकायत हुई। लेकिन रसूखदार सरपंच होने के कारण बच निकलने में सफल रहा है। आज तक किसी भी शिकायत में जांच नहीं हुई। इसमें स्थानीय सचिव की भी भूमिका अहम है।

सीईओ ने दिया जांच का आदेश

जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार शिकायत पर आज ही कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है। जिला पंचायत सीईओं ने जनपद पंचायत सीईओ को शिकायत पत्र के साथ आदेश दिया है कि समग्र मामलों में जांच पड़ताल किया जाए। लाखों रूपए के घोटाले में सरपंच और सचिव की भूमिका की जांच हो। रिपोर्ट तैयार कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

 

 

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