कमिश्नर पाण्डेय ने कहा…रैंक में पिछड़ने के कई कारण..करेंगे दुरूस्त..प्लान्ट से नहीं होगा पर्यावरण को नुकसान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पत्रकार वार्ता में निगम कमिश्नर ने कहा कि कछार स्थित वेस्ट मैनेजमेन्ट प्लान्ट से कचरा निराकरण को लेकर पर्यावरण मण्डल से अनुमति मिल गयी है। पहले से एकत्रित हजारो टन कचरा का निराकरण तीन महीने में कर लिया जाएगा। इसके बाद रोजना शहर निकलने वाले कचरों का निराकरण एक ही दिन में हो जाया करेगा। निश्चित रूप से हमेंं इस बार सफाई अभियान में आशातीत सफलता नहीं मिली। लेकिन लगातार प्रयास के बाद हम बेहतर परिणाम देंगे। बिलासपुर को 28 वां रैंक आने की कई वजह है। इसमें एक वजह वेस्ट मैनेजमेन्ट प्लान्ट का समय पर काम नहीं करना भी है।

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                      पत्रकारों से आज निगम कमिश्नर ने सवाल जवाब किया। रैक के सवाल के सवाल पर प्रभाकर पाण्डेय ने बताया कि निश्चित रूप से हमें अंक तो ज्यादा मिले हैं। लेकिन सफाई अभियान पायदान में हम 6 कदम नीचे चले गये हैं। इसकी मुख्य वजह वेस्ट मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट का शुरू नहीं होना भी है। बहरहाल अब पर्यावरण मण्डल से प्लान्ट शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। रैंक भी बेहतर होगा।

                    महापौर ने रैंक में पिछड़ने की वजह रेलवे वार्डों को बताया है… आप प्लान्ट को दोष दे रहे हैं। सवाल के जवाब में कमिश्नर ने कहा कि रैंक में पिछड़ने की कई वजह है। इसमें सबसे बड़ी वजह रेलवे का वार्ड ही हैं। सफाई अभियान रेलवे वार्ड में नहीं चलता है। इसके अलावा भी कई कारण है..इसमें एक वजह वेस्ट मैनेजमेन्ट प्लान्ट का शुरू नहीं होना भी है। महापौर ने जो कहा उसमें सच्चाई है।

                                        25 एकड़ जमीन हमने दिया।  एमएचडब्लू साल्यूशन ने प्लान्ट में 35 एकड़ इन्वेस्ट किया। कम्पनी लागत मूल्य की वसूली कैसे करेगी। खाद निर्माण से क्षेत्र पर क्या प्रभाव प़ड़ेगा। प्रभाकर पाण्डेय ने इन्वेस्ट के सवाल से किनारा करते हुए बताया कि पर्यावरण क्लियरेंस का सीधी अर्थ कि वातावरण पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। आर्गेनिक प्रोडक्ट से खाद बनाए जाएंगे। इन आर्गेनिक से आरडीएफ बनेगा। आरडीएफ का इस्तेमाल निर्माण कार्यो में होता है। फिर भी समय के साथ प्रदूषण का प्रभाव पाया गया तो बीएमसी मामले को संवेदनशील है।

                              क्या यह माना जाए कि सफाई अभियान का काम ठीक से नहीं हुआ। नालियों से कचरा लगातार निकल रहा है। कमिश्नर पाण्डेय ने कहा कि नालियों की सफाई में कम्पनी का एग्रीमेन्ट नहीं है। यह काम हमारे सफाई कर्मचारियों को करना है। आखिर नालियों की तरफ ध्यान क्यों नहीं दिया गया..कचरा आया कहां से। फिलहाल इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

             बेशक एग्रीमेन्ट में नाली सफाई नहीं है। लेकिन कम्पनी ने कहा था कि हम साफ करेंगे। प्रभाकर ने सवाल के जवाब में बताया कि इसकी जानकारी फिलहाल उन्हें नहीं है। लेकिन नाली ही नहीं अन्य प्रकार की सफाई व्यवस्था को लेकर हम गंभीर रहेंगे। निगम जिम्मेदारी भी है।

                   सवाल जवाब के दौरान कमिश्नर ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि टाउन हाल के पीछे खाली बिल्हा जनपद पंचायत की है। जबकि हमने खाली जगह में सर्वसुविधायु्क्त बैठक हाल बनाने का निर्णय लिया है। बजट में भी शामिल कर लिया है। लेकिन अब इसका पता लगाएंगे।

  प्रभाकर पाण्डेय ने आवारा कुत्ता,मवेशियों और मच्छर समस्या के सवालों का जवाब दिया। उन्होने बताया कि कांजी हाउस को समाजसेवी को सौंपा जाएगा। निगम प्रशासन समाज सेवी संस्था का मदद करेगा। आवारा कुत्तों को पक़ड़ने संगठन को जिम्मेदारी दी गयी है। मच्छरों के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। फागिंग मशीन को दुरूस्त कर दिया गया है। एन्टी लार्वा छिड़काव किया जा रहा है। परिणाम भी सामने आने लगे है। अरपा नदी में भी सफाई अभियान को तेज कर दिया गया है।

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