कम्प्यूटर पर हिंदी आज की जरूरत

Chief Editor
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          बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय  के कुलसचिव  एच. एन. चौबे ने गुरूवार को कहा कि आने वाला युग हिन्दी का है। कार्यालयीन कार्य करने के लिए कम्प्यूटर पर हिन्दी भाषा में कार्य करना आज की आवश्यकता है। वे राजभाषा प्रकोष्ठ एवं यू.जी.सी.-मानव संसाधन विकास केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

यू.जी.सी.-मानव संसाधन विकास केन्द्र में आयोजित उक्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कुलसचिव श्री चौबे ने कहा कि कम्प्यूटर पर हिंदी भाषा में कार्य करना बहुत ही आसान है। इसके लिए अभ्यास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुरू घासीदास विश्वविद्यालय कागज रहित (पेपर लेस) व्यवस्था की ओर आगे बढ़ रहा है। ऐसे में कार्यालयीन कार्य के लिए कम्प्यूटर का बहुत ज्यादा महत्व है। उन्होंने कर्मचारियों से आव्हान किया कि वे प्रशिक्षण लेने के बाद लगातार कम्प्यूटर पर हिंदी में काम करें। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा के अध्ययन व अध्यापन पर जोर दिया जा रहा है। आने वाले समय में हिंदी का उपयोग व्यावहारिक धरातल पर होगा।

इसके पहले स्वागत भाषण देते हुए हिंदी अधिकारी अखिलेश तिवारी ने बताया कि यह विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए यह दसवीं प्रशिक्षण कार्यशाला है। कर्मचारियों को कम्प्यूटर पर हिंदी भाषा में कार्य करने का प्रशिक्षण देने के लिए लगातार कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।

यू.जी.सी.-मानव संसाधन विकास केन्द्र के प्रभारी निदेशक डाॅ. रतनेश सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यशाला में सीखी गई जानकारी को कर्मचारी अमल में लायें। कम्प्यूटर पर हिंदी भाषा में कार्य करने से कार्यालयीन कार्य आसान होगा । कार्यक्रम का संचालन करते हुए मानव संसाधन विकास केन्द्र की सहायक निदेशक डा.ॅ आरती सिंह ने विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए लगातार प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है । इससे उनमें कार्यकुशलता बढ़ी है। प्रशिक्षण सत्र में गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के वरिष्ठ सहायक कम्प्यूटर प्रोग्रामर डाॅ विनय कुमार सिंह ने कम्प्यूटर और इसके कार्य प्रणाली की विस्तार से जानकारी दी । डाॅ सिंह ने एकीकृत विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रणाली (आई.यू.एम.एस.) व इसका उपयोग भी कर्मचारियों को बताया। आज आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में विश्वविद्यालय के 23 कर्मचारियों ने भाग लिया।

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