बिलासपुर—करे कोई..भरे कोई…कहावत को तो कई बार सुनी होगी…यह कहावत सटीक बैठ गई है, घोंघाडीह गांव प्रभारी सचिव हरप्रसाद भास्कर पर। चांवल बांटने में घोटाला किया पुराने सचिव ने…एफआईआर दर्ज हो गया प्रभारी सचिव पर। मामले में दबी जुबान से ही लेकिन अधिकारी मानते हैं कि हरप्रसाद धोखे से शिकार हुआ है। कम से कम दस्तावेज तो यही कहते हैं..। जबकि मामले में मुख्य दोषी पहले से ही निलंबित मनीता कश्यप साफ बच गयी है।
मालूम हो कि खाद्य संचालक रायपुर की टीम कुछ दिनों पहले पीडीएफ की जांच पड़ताल करने बिलासपुर पहुंची। तखतपुर ब्लाक के घोंघाडीह सोसायटी में चांवल वितरण को लेकर टीम को भारी अनियमितता की जानकारी मिली। टीम ने सरपंच और सचिव को पूछताछ के लिए बुलाया। सचिव ने लिखित बयान में बताया कि सचिव और सेल्समैन ने मिलकर घोटाले को अंजाम दिया है। घोंघाडीह के प्रभारी सचिव हरप्रसाद ने भी स्टाम्प में लिखित बयान दिया कि नवम्बर 2017 से जनवरी 2018 के बीच गांव घोंघाडीह का सचिव नहीं था। तात्कालीन सचिव के निलंबित होने के बाद 25 जनवरी को घोंघाडीह गांव का प्रभार लिया है। इसलिए घोटाले से उसका कोई संबध नहीं है।
संचालक ने बयान दर्ज करने और पूछताछ के बाद जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि घोंघाडीह सरपंच समेत पांच अन्य लोगों के खिलाफ चावल घोटाले में आरोपी बनाया जाए। पांचों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया जाए। जिला प्रशासन के निर्देश पर तखतपुर ब्लाक सीईओ ने पांचों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया। फरमान जारी होने के बाद घोंघाडीह का प्रभारी सचिव हरप्रसाद अब पुलिस कार्रवाई से बचने कभी छिप रहा है तो कभी कलेक्टर और खाद्य अधिकारी से न्याय की गुहार लगाने कलेक्ट्रेट कार्यालय का चक्कर काट रहा है।
सचिव मांग रहा जान की खैर
खाद्य नियंत्रक पटेल से मिलने पहुंचे घोंघाडीह सचिव हरप्रसाद ने बताया कि घोंघाडीह राशन दुकान में चांवल घोटाला से उसका कोई लेना देना नहीं है। मैने घोंघाडीह सचिव का प्रभार 25 जनवरी 2018 में लिया। अभी तक तात्कालीन सचिव मनीता ने पंचायत समेत अन्य जरूरी दस्तावेज भी नहीं दिये हैं। संचालक को लिखित में भी बताया था। बावजूद मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश हुआ है।
हरप्रसाद के अनुसार मामला नवम्बर,दिसम्बर और जनवरी का है। जिला प्रशासन ने राशन वितरण में अफरा – तफरी के आरोप में मनीता कश्यप को पहले से ही निलंबित किया है। लेकिन आज भी वह सीईओ तखतपुर के आदेश पर पंचायत का काम कर रही है। संचालक नेे उसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। लेकिन गलती से घोटाले के समय का सचिव मानकर मेरे खिलाफ एफआईआर का आदेश हो गया। जबकि मेरे पास पुख्ता दस्तावेज भी हैं कि मामले में शामिल नहीं हूं। तात्कालीन समय मैं घोंघाडीह का सचिव भी नहीं था। मैने तो 2 फरवरी से काम काज करना शुरू किया है। सरपंच ने भी संचालक टीम को लिखित में बताया है।
डायरेक्टरेट की रिपोर्ट पर कार्रवाई
खाद्य नियंत्रक डॉ.जी.डी.पटेल ने बताया कि इस पर हमें कुछ नहीं कहना। डायरेक्टरेट की जांच टीम आई थी। रिपोर्ट के बाद डायरेक्टरेट से ही पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश आया है। बिलासपुर स्तर पर किसी प्रकार का आदेश या निर्देश नहीं हुआ है। पांच लोगों के खिलाफ थाने में दर्ज किया गया है।
कोटा थाने में मामला दर्ज
बहरहाल कोटा पुलिस ने चावल वितरण अफरा – तफरी मामले में घोंघाडीह सरपंच सीताराम यादव,सचिव हरप्रसाद भास्कर,सेल्समैन दुर्गेश और बृजेश पोर्ते पर तखतपुर खाद्य निरीक्षक निखिलेश तंबूड़े की शिकायत पर अपराध दर्ज कर लिया है।