बिलासपुर— छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार से दीपावली के पहले बोनस दिए जाने की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष पीआर यादव ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि तात्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने बोनस दिए जाने की स्वस्थ्य परंपरा की शुरूआत की थी। लेकिन अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में बोनस दिया जाना बन्द कर दिया गया। मुख्यमंत्री से आग्रह है कि एक बार फिर इस परंपरा को शुरू कर कर्मचारियों को दीपावली के पहले बोनस दिया जाए।छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पीआर यादव ने राज्य शासन से प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को दीपावली से पहले बोनस दिए जाने की मांग की है। यादव ने बताया कि राज्य बनने से पहले तात्कालीन मध्यप्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को तोहफे में बोनस दिया करती थी। परम्परा की शुरूआत तात्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने शुरू किया था।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
पीआर यादव ने कहा कि राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने बोनस दिया जाना बन्द कर दिया। मुख्यमंत्री से आग्रह है कि प्रदेश के 14 लाख कर्मचारियों को दीपावली से पहले राज्य सरकार की तरफ से तोहफा में बोनस दिया जाए। यादव ने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार ने अपने 14 लाख कर्मचारियों को दीपावली की खुशी में प्रति कर्मचारी 7 हजार रूपए देने का एलान किया है। छत्तीसगढ़ सरकार भी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए दीपावली पर बोनस देने की परंपरा शुरू करे। जैसा की पहले होता था।
यादव ने बताया कि देश के अनेक राज्यों में दीपावली के पहले शासकीय कर्मचारियों को बोनस या एक्सग्रेसिया के नाम पर भुगतान किया जाता है। प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के दो लाख से अधिक कर्मचारी हैं। यदि बोनस दिया जाता है तो करीब सवा सौ करोड़ का आर्थिक भार पड़ेगा।