कलेक्टर अपहरण मामले में आरोपियों को सजा

BHASKAR MISHRA
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distt. courtबिलासपुर–आज जिला कोर्ट में न्यायाधीश गीता नेवारे की कोर्ट ने वर्तमान केन्द्रीय गृह सचिव शंशाक शेखर के अपहरण मामले मे तीन लोगों को एक एक साल की कठोर कारावास की कार्रवाई और एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मामले में आरोपी पक्ष के वकील का कहना है कि मामला विद्वेषपूर्ण है। पक्षकार के रसूख की वजह से दबावपूर्वक मामले को नया रुप दिया गया है। इस मामले में अपहरण में प्रयुक्त आटोरिक्शा चालक फरार है। इस पर फैसला आना अभी बाकी है। जिसकी गवाही काफी महत्वपूर्ण है।

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           मामला 2008 के समय गीतांजली एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे तात्तकालीन मणिपुर कलेक्टर और वर्तमान केन्द्रीय गृह सचिव के अपहरण का है। 2008 में बिलासपुर के तोरवा इलाके में आटो से उतरकर एक शख्स अपने आपको आईएएस अधिकारी बताकर चौराहे पर मौजुद पुलिस को अपहरण करने का आरोप लगाया। जिसके बाद पुलिस ने आटो में सवार तीन लोगों और आटो चालक को गिरफ्तार कर अपहरण का आरोप लगाया। जिसके बाद यह मामला स्थानीय जिला कोर्ट में मामला चल रहा था।

                           मामले में पिछली सुनवाई में केन्द्रीय गृह सचिव शशांक शेखर की वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये बयान दर्ज कराया गया था। आज अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे ने फैसला सुनाते हुए तीन आरोपी दीपक वाधवानी, गौरव वाधवानी और सुरेश भोगल निवासी रायपुर को एक एक साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

             पूरा मामला 2008 में गीतांजली एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे शंशांक शेखर और आरोपियों के बीच विवाद से हुई। बिलासपुर के आगे लालखदान के पास चैन पुलिंग कर आरोपियों के साथ शशांक शेखर आटो में सवार होकर तोरवा चौक गए थे।

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