नारायणपुर।कलेक्टर अभिजीत सिंह आज समय-सीमा के प्रकरणों के निराकरण की साप्ताहिक बैठक में अधिकारियों से कहा कि आगामी दिनों में वे समयावधि-पत्रों के निराकरण की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे देखेंगे कि कितने प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण हुआ है। लापरवाही एवं एवं बवेजह लंबित प्रकरणों वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी। अतः सभी अधिकारी समय सीमा से संबंधित लंबित मामलों को त्वरित गति से निराकरण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिले में नवनिर्मित उपस्वास्थ्य केन्द्रों में सभी जरूरी मूलभूत सुविधायें जल्द से जल्द पूरी करें, ताकि मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण और बेहतर ईलाज हो सके। उन्होंने कहा कि जहां बहुत जरूरी है, वहां के लिए उपस्वास्थ्य केन्द्रों का प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करें, ताकि राज्य शासन को मंजूरी के लिए भेजा जा सके। मौसमी बीमारी से निपटने के लिए समय रहते सभी तैयारी पूरी करें। बैठक में नवपदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राहुल देव (आईएएस), डीएफओ डीकेएस चौहान, एसडीएम दिनेश कुमार नाग के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि आज उन्होंने पुलिस अधीक्षक के साथ जिला मुख्यालय में बसे नक्सल हिंसा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनके समस्याओं से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि नक्सल हिंसा पीड़ित परिवार जो अपने गांवों को छोड़कर मुख्यालय में बसे हैं, उनकी कुछ छोटी-छोटी और कुछ जरूरी मूलभूत सुविधाओं की मांग हैं। जो जायज है। उनमें पेयजल, बिजली, राशन, पेंशन, साफ-सफाई तथा बच्चों के लिए आंगनबाड़ी की है। वहा के अधिकतर परिवारों के पास राशन कार्ड तो हैं, लेकिन राशन लेने उन्हें अपने गांव जाना पड़ता है।
कलेक्टर ने प्रभारी खाद्य अधिकारी को निर्देशित किया कि ऐसे परिवार जो वर्तमान मे ंजहां निवासरत् है, उसी क्षेत्र में उनका राशन कार्ड बनाया जाये। इसके लिए विशेष शिविर लगाने के भी निर्देश दिये, ताकि ऐसे लोगों का राशनकार्ड बन पाये। बुजुर्ग, विधवा महिलाओं को पेंशन संबंधी कार्यवाही के लिए समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारियांे को घर-घर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिये। आगामी मानसून को देखते हुए जल्द से जल्द नर्सरियों में फलदार, छायादार पौधे रोपने के निर्देश दिये, ताकि बारिश के समय जिले के चिन्हांकित जगहों पर पौधारोपण किया जा सके।